सोहना,(उमेश गुप्ता): अरावली पर्वत वाली पहाडिय़ों में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खनन कार्य पर लगाई गई रोक के बावजूद सोहना आसपास क्षेत्र में रात के अंधेरे में चोरी-छिपे पहाड़ों को तोडऩे और पहाड़ो
में तोड़े गए पत्थरों को डंपरों में भरकर स्टोनक्रेशरों तक पहुंचाने का धंधा तेजी से जोर पकड़ गया है। ताज्जुब की बात ये है कि पहाड़ों से चोरी-छिपे तोड़े गए पत्थरों को बेचने के लिए डंपरों में भरकर लाने वाला पत्थर व डंपर माफिया खनन व पुलिस विभाग पर भारी पड़ रहे है और पुलिस व खनन विभाग की पकड़ में आने की बजाय पीछा करने पर उन्हे चकमा देने और चूहे-बिल्ली वाला खेल खेलने से बाज नही आ रहे है। जिसका जीता-जागता प्रमाण बीती रात का है, जब अरावली पर्वत वाली पहाडिय़ों में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खनन कार्य पर लगाई गई रोक के बावजूद सोहना आसपास क्षेत्र में रात के अंधेरे में चोरी-छिपे पहाड़ों से तोड़े गए पत्थरों को डंपरों में भरकर आवाजाही करने की भनक खनन विभाग व पुलिस प्रशासन को लगी तो चोरी के पत्थरों से भरे इन डंपरों को पकडऩे के लिए छापामार टीमें इनके पीछे लग गई लेकिन डंपर चालक छापामार टीमों से भी तेज निकले और काफी देर तक इन टीमों को इधर से उधर रास्तों पर दौड़ाकर छकाते हुए अपने डंपरों में भरे चोरी वाले पत्थरों को जैक के सहारे सोहना शहर में बाईपास गोल सर्कल पर बनी यातायात पुलिस चौकी से लेकर पुराने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय और पुरानी वीटा डेयरी तक सडक़ के दोनों तरफ सडक़ पर जगह-जगह डालकर छापामार टीमों को चकमा दे भागने में कामयाब रहे। इससे दो दिन पहले भी सोहना शहर में जब छापामार टीमों ने चोरी के पत्थरों से भरे इन ओवरलोड डंपरों को पकडऩे का प्रयास किया, तब भी डंपर चालक अपने डंपरों में भरे चोरी वाले भारी-भरकम पत्थरों को जैक के सहारे सडक़ पर गिराते वक्त बिजली की तारों को तोडक़र भागने में कामयाब रहे और इन्हे पकडऩे के लिए पीछा कर रही छापामार टीमें हाथ मलते हुए बैरंग ही वापिस लौट गई। इस धंधे से जुड़े सूत्रों ने नाम व पहचान का खुलासा ना किए जाने की शर्त पर बताया कि छापामार टीमों पर पत्थर माफिया इसलिए भारी पड़ रहे है क्योकि चोरी के पत्थरों से भरे डंपरों के सडक़ पर आते ही इन डंपरों से कई-कई किलोमीटर आगे मोटरसाइकिलों और चार पहिया गाडिय़ों में पत्थर माफियाओं की चेकिंग टीम सडक़ पर आ जाती है और पत्थर माफियाओं की यह चेकिंग टीम सडक़ पर आवाजाही कर पहले यह तसल्ली कर लेती है कि इन डंपरों को आगे भेजने में कोई खतरा नही है। पुलिस व छापामार टीम कई-कई किलोमीटर तक नही है। तब इस चेकिंग टीम से मोबाइल पर संकेत मिलते ही पत्थर माफिया चोरी से भरे इन पत्थरों वाले डंपरों को कैनवाई की तर्ज पर एक साथ 5 से लेकर 30-30 डंपर तक सडक़ पर तेज रफ्तार में दौड़ाने को कहते है। डंपर चालकों को प्रलोभन दिया जाता है कि जो भी डंपर चालक अपने डंपर में भरे इन पत्थरों को बिना किसी व्यवधान के बताए गए स्टोनक्रेशर पर खाली करके सबसे पहले वापिस लौटेगा, उसे 5 किलो लडडू और नकद रूप में 500 रुपए का इनाम मिलेगा। इसी लालच में डंपर चालक चोरी के पत्थरों से भरे इन ओवरलोड डंपरों को सडक़ों पर बेलगाम रफ्तार में यमदूत की तरह दौड़ाते नजर आते है। यही कारण है कि सोहना क्षेत्र में डंपर व खनन माफिया पुलिस प्रशासन व खनन विभाग पर भारी पड़ता नजर आ रहा है।
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