सोहना,(उमेश गुप्ता): बीती देर रात चोरी के पत्थरों से भरकर एक साथ सडक़ पर आए कई ओवरलोड डंपरों को पकडऩे के लिए छापामार टीमें डंपरों के पीछे लग गई। हालांकि डंपर चालकों ने चालाकी दिखाते हुए पहले अपना
पीछा कर रही छापमार टीमों को चकमा देने और भागने का प्रयास किया लेकिन जब उन्होने देखा कि छापामार टीमें उनका पीछा नही छोड़ रही है तो डंपर चालकों ने चालाकी दिखाई और छापामार टीमों को पीछा करते देख वापिस डंपरों को सोहना बाईपास की तरफ भगा लिया और स्थानीय बाईपास गोल सर्कल पर बनी यातायात पुलिस चौकी से लेकर पुराने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय और पुरानी वीटा डेयरी तक सडक़ के दोनों तरफ पत्थरों से भरे डंपरों को घुसाकर जैक के सहारे अपने-अपने डंपरों में भरे पत्थरों को सडक़ के दोनों तरफ डालकर डंपरों को भगा ले गए। जैसे ही डंपरों का पीछा कर रही टीमें वहां आई तो सडक़ पर दोनों तरफ मोटे-मोटे भारी-भरकम पत्थरों को पड़ा देख भाग रहे डंपरों का पीछा नही कर पाई और वापिस लौट गई। समाचार लिखे जाने तक डंपरों से डाले गए पत्थर दुकानों के आगे जहां-तहा सडक़ों पर बिखरे पड़े है। गनीमत ये रही कि रात में सडक़ पर आवाजाही नही थी। अन्यथा कोई भी बड़ा हादसा बन सकता था। सुबह उठने पर आवाजाही करने वाले लोगों ने पाया कि स्थानीय बाईपास गोल सर्कल पर बनी यातायात पुलिस चौकी से लेकर पुराने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय और पुरानी वीटा डेयरी तक सडक़ के दोनों तरफ सडक़ पर जगह-जगह भारी-भरकम मोटे पहाड़ी पत्थर बिखरे पड़े है। जागरूक लोगों ने तुरंत ही पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दी। सूचना पाकर पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई और जांच में जुटी है। इधर पत्थरों से भरे ओवरलोड डंपरों के छापामार टीमों की पकड़ में आने से बचने के लिए डंपर को आबादी क्षेत्र में लाकर डंपरों में भरे चोरी के पत्थरों को बीच सडक़ पर ही गिराकर डंपरों को भगा ले जाने वाला मामला शहर पुलिस थाना तथा देहात पुलिस थाना प्रभारी के संज्ञान में लाए जाने पर पुलिस ने अपने को पूरे मामले से अनभिज्ञता जताई और कहा कि उनके थाने की पुलिस इन ओवरलोड डंपरों के पीछे नही लगी थी। हो सकता है कि मेवात पुलिस इनका पीछा करते हुए यहां तक आई हो। यदि कोई शिकायत आई तो शिकायत के आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। नाम व पहचान गुप्त रखे जाने की शर्त पर कई युवकों ने बताया कि बीती देर रात नूंह-रोजकामेव से सोहना आवाजाही वाले रास्ते से चोरी के पत्थरों से भरे ओवरलोड डंपरों को सोहना की तरफ आते देख छापामार टीमें डंपरों के पीछे लग गई। छापामार टीमें संभवतया खनन विभाग और पुलिस विभाग की रही होगी। कई वाहनों में सवार छापामार टीमों के चोरी से भरे ओवरलोड डंपरों को पकडऩे के लिए अपने पीछे लगा देख डंपर चालक पहले तो छापामार टीमों को चकमा देने के लिए काफी देर तक एक से दूसरी सडक़ पर तेज रफ्तार में बेलगाम दौडक़र छापामार टीमों को छकाते रहा। जब डंपर चालकों ने देखा कि पीछा कर रही टीम उसे पकडऩे का प्रयास कर रही है और पीछा नही छोड़ रही है तो डंपर चालकों ने चालाकी दिखाई और पीछा कर रही टीमों को छकाते हुए वापिस सोहना शहर में बाईपास चौक पर ले आई और फिर अपने-अपने डंपरों में भरे चोरी वाले पत्थरों को बाईपास गोल सर्कल पर बनी यातायात पुलिस चौकी से लेकर पुराने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय और पुरानी वीटा डेयरी तक सडक़ के दोनों तरफ सडक़ पर जगह-जगह जैक के सहारे डंपर से नीचे गिरा दिया। जिसके बाद डंपर चालक अपने-अपने डंपरों को सोहना घाटी की तरफ भगा ले गए। फासला ज्यादा होने की वजह से डंपर भागने में कामयाब रहे और जब छापामार टीमें वहां पहुंची तो डंपर हाथ में ना आने और डंपर में भरे पत्थरों को सडक़ के बीचोबीच पड़े देख वापिस लौट गई। बताया जा रहा है कि डंपरों से सडक़ पर डाले पत्थर चोरी के है और डंपर चालक डंपर समेत भागने में कामयाब रहे है। इस वजह से कोई भी विभाग इस मामले में जिम्मेदारी लेने को तैयार नही है। समाचार लिखे जाने तक डंपरों से सडक़ों पर गिराए गए पत्थर सडक़ों पर ही पड़े है। जिनसे कोई भी हादसा बन सकता है।
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