खोजी/सुभाष कोहली` कालका। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। नवरात्रि में गरबा और डांडिया खेला जाता है। यह नवरात्रि में खेली जाने वाली महत्वपूर्ण नृत्य शैलियां हैं. जो इस पर्व को संपूर
णता और उल्लास प्रदान करती हैं। गरबा और डांडिया के बिना नवरात्रि का पर्व अधूरा रहता है। नवरात्र के शुभ अवसर पर जय अंबे (इंडिया) ग्रुप कालका की ओर से राम नगर स्थित शिव मंदिर में डांडिया पर्व बड़े धूमधाम व उत्साह से मनाया गया। कार्यक्रम में सभी महिलाएं रंग-बिरंगी वेशभूषा में सुसज्जित होकर आई थी। हिंदी और गुजराती गानों पर सभी ने डांडिया खेला, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल थे। संस्था की संचालिका रंजना शुक्ला ने सभी उपस्थितजनों को जानकारी देते हुए बताया की गरबा का अर्थ है “गर्भ” या “अंदर का दीपक”, यह देवी शक्ति की अराधना का प्रतीक है. नवरात्रि के नौ दिनों में लोग मिट्टी के एक मटके में दीपक जलाते है जिसे “गरबी” कहा जाता है। इस मटके को मां दुर्गा की शक्ति और उर्जा के रूप में जाना जाता है और इसके चारों ओर लोग गरबा नृत्य करते हैं। गरबा नृत्य देवी की अराधना के साथ-साथ उनकी उर्जा का प्रतीक है। इसी प्रकार डांडिया नृत्य के दौरन खेली जाने वाली छड़ियां मां दुर्गा की तलवार का प्रतीक माना गया है, जो बुराई का विनाश करता है। इस अवसर पर प्रिया कक्कड़, मुस्कान, अनु अग्रवाल, अर्चना, आशा, मोनिका, निधि, रजनी, निशा, रेनू, सुनीता सिंह, वीना गोयल, सपना सहित अन्य महिलाएं उपस्थित थी। शिव मंदिर समिति की तरफ से प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम के अंत में संचालिका रंजना शुक्ला ने कार्यक्रम कवरेज करने आये पत्रकार सुनील दत्त, अभिनव शर्मा, सचिन बराड़ व सुभाष कोहली को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और आयोजन को सफल बनाने में सभी महिलाओं का धन्यवाद किया।
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