दोषी कौन सरकार या नेता देश रोजाना, कोसली। परिवहन विभाग प्रदेश में लंबे रूटों पर बसें चलाकर वाहवाही लूट रहा है जबकि कोसली विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश गांवों तक आजादी के आठ दशक पूरे होने के बा
वजूद बेहतर परिवहन व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई। परिवहन विभाग ने कोसली से मुरादाबाद के लिए तो बस चला दी मगर कोसली कनीना महेंद्रगढ के लिए पर्याप्त बसों की व्यवस्था नहीं करने से आज भी दो दर्जन गांवों के लोग निजी वाहनों या एक दो सहकारी समिति की बसों में यात्रा करने को मजबूर हैं। विभाग और भाजपा नेता ताल ठोकते हैं कि हमने कोसली में सब डिवीजन बनवाया मगर सब डिवीजन बनने से पहले ही वर्कशॉप को बस अड्डा बना देने का काम शुरू हो गया। लोगों की परिवहन संबंधी परेशानी को सरकार और नेता कब समझेंगे, यह कोई नहीं जानता। कोसली क्षेत्र में आज कई किलोमीटर पैदल चलकर और कई घंटे इंतजार करने के बाद ही यातायात का कोई साधन मिल पाता है। चार दशक पूर्व चलने वाली बस सेवा बंद : कोसली महेगढ वाया कनीना रूट पर चार दशक पूर्व हर घन्टा बस सेवा चलती थी। रेवाड़ी के जिला बनने के बाद एक के बाद एक सभी बसें बंद कर दी गईं और आज दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को आने जाने के लिए निजी वाहनों मालिकों के हवाले कर दिया गया। कोसली से दादरी वाया बहू -झोलरी चलने वाली बस सेवा भी बंद कर दी गई, जिसका कारण यह बताया जा रहा है कि बहु गांव पहले जिला रेवाड़ी में था, जबकि बाद में यह जिला झज्जर में चला गया और यह बस सेवा भी बंद कर दी गई। इतना ही नहीं, कोसली से 18 किलोमीटर दूर जिला का अंतिम गांव झोलरी, खुर्शीद नगर, भड़ंगी, कोहरड़ के लोगों को भी बस सेवा से वंचित कर दिया गया है। कनीना कोसली रूट पर पड़ने वाले गांव बिसोहा, कारोली, बव्वा, भाला और गढी गांवों के लोगों को आज भी 4 - 5 किलोमीटर पैदल चलकर कोसली या कनीना की ओर जाने के लिए यातायात साधन लेना पड़ता है।
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