उपायुक्त की मौजूदगी में कोरोना बचाव की वैक्सीन का किया ड्राई रन

Khoji NCR
2021-01-07 10:32:18

सोनू वर्मा नूंह। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए की जाने वाली वैक्सीन का वीरवार को ड्राई रन यानि मॉक ड्रिल किया गया। उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र फिरोजपुर-झिरका व शिक

ावा पहुंचे। उन्होंने यहां पर वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए। उपायुुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सरकार की हिदायतनुसार स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारियों का पूरा डाटा तैयार करें ताकि जब भी वैक्सीन विभाग के पास आए तो उसे दिया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि सरकार के निर्देशानुसार ही वैक्सीन के लिए छह जगहों का चयन किया गया है। सभी जगहों पर समुचित स्टाफ नियुक्त किया गया है और प्रत्येक सेंटर पर मेडिकल ऑफिसर और एंबुलेंस की व्यवस्था हैं। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. सुरेन्द्र यादव, डॉ. बंसत दूबे सहित अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उपायुक्त को बताया कि स्वास्थ्य विभाग के पास प्रथम चरण में शामिल कर्मचारियों का डाटा पहुंच चुका है। ड्राई रन के दौरान उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा ने पीएचसी शिकरावा और फिरोजपुर-झिरका में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई व्यवस्थाओं को बारीकी से देखा और प्रत्येक रूम में नियुक्त किए गए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से उनकी ड्यूटी के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि वैक्सीन दिए जाने के दौरान किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवाने वाले को मानसिक तौर पर तैयार किया जाए। सिविल सर्जन डा. सुरेन्द्र यादव ने बताया कि ड्राई रन के दौरान सबसे पहले व्यक्ति वैक्सीनेशन ऑफिसर-1 के पास जाता है, वहां पर उसका सूची में नाम और आईडी चैक की जाती हैं। उसके बाद उसे वैक्सीनेशन ऑफिसर-2 के पास भेजा जाता है, जहां पर उसका नाम विभाग की कोविन एप में चैक किया जाता है और उसके नाम का मिलान किया जाता है। यहां पर वेरीफाई होने के बाद उसे वैक्सीनेशन ऑफिसर-3 के पास भेजा जाता है, यहां पर उसको वैक्सीन दी जाती है। वैक्सीन के बाद यहां पर ऑब्जर्वेशन रूम बनाया गया है, जहां पर वैक्सीन देने के बाद व्यक्ति को आधा घंटा बैठाया जाता है ताकि वैक्सीन के किसी प्रकार के साईड इफेक्ट का पता चल सके। यदि कोई साईड इफेक्ट आता है तो यहां पर एएफआई रूम की व्यवस्था की गई है यहां पर किसी प्रकार की दिक्तत होने पर उसका उपचार किया जाता है और यदि उसके बाद भी किसी प्रकार की परेशानी महसूस होती है तो उसे एंबूलेंस के माध्यम से सामान्य अस्पताल पहुंचाया जाएगा।

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