सोहना,(उमेश गुप्ता): अरावली पर्वत की श्रंखलाओं के बीच स्थित हरियाणा पर्यटन निगम द्वारा संचालित बारबट टूरिस्ट काम्पलेक्स में कार्यरत एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों को बीते अक्टूबर-नवंबर-दिस
ंबर महीना समेत 3 महीनों का पगार रूपी मिलने वाला मासिक वेतन आज तक भी ना मिलने के चलते बारबट टूरिस्ट काम्पलेक्स में कार्यरत एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारी परेशान है लेकिन उन पर ना कुछ कहते बन रहा है और ना उगलते बन रहा है। इतना जरूर है कि बारबट टूरिस्ट काम्पलेक्स में कार्यरत कर्मचारियों को चालू माह जनवरी के साथ-साथ बीते 3 महीनों अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर की पगार भी अभी तक ना मिलने के चलते उनके परिजनों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। कर्मचारियों को उन्हे माहवार मिलने वाले मासिक वेतन के उपलब्ध ना होने से उन्हे अपने घर का खर्चा चलाना और बच्चों का पालन-पोषण, बच्चों की पढाई, लिखाई करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। घरेलू सामान वाले दुकानदार का भी 3 महीनों से पैसों का भुगतान बीच में लटक जाने से उन्हे दूध, राशन लेने भी पैसे की कमी आड़े आ रही है। चंद दिन बाद मकरसंक्रांति तथा गणतंत्र दिवस आने वाला है लेकिन 3 महीने से बकाया पगार ना मिलने से ऐसे में पर्यटन निगम द्वारा संचालित बारबट टूरिस्ट काम्पलेक्स में कार्यरत एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों को आर्थिक संकट और मानसिक तनाव झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। जागरूक लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार को हर महकमे में कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी-अधिकारी का समय पर वेतन दिया जाना सुनिश्चित बनाना चाहिए ताकि कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलता रहे और त्यौहारों के सिर पर होने के बावजूद वेतन ना मिलने से त्यौहारों का मजा फीका ना हो पाए। संदीप यादव एडवोकेट सैंडी, कृष्ण सैनी, कर्मपाल बोकन, मुकेश राजपाल, युवा अग्रवाल नेता सैंकी सिंगला का कहना है कि हरियाणा पर्यटन निगम को अपने सभी कर्मचारियों की पगार माहवार वितरण सुनिश्चित बनाने पर ध्यान देना चाहिए ताकि पर्यटन निगम में कार्यरत कर्मचारी व अधिकारी तनाव मुक्त रहकर अपने दायित्व को भली प्रकार निभा सके। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार नेे सोहना में अरावली पर्वत की श्रंखलाओं के बीच स्थित हरियाणा पर्यटन निगम द्वारा संचालित बारबट टूरिस्ट काम्पलेक्स में कार्यरत कर्मचारियों को 3 महीने के बकाया वेतन के साथ-साथ चालू माह का वेतन भी अभी तक भी नही मिला है। जिससे ना केवल काम्पलेक्स पर कार्यरत कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गए है बल्कि परिवार की आजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है।
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