'लगता है कांग्रेस ने विरासत कर लगा दिया...' राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर संजय निरुपम ने ऐसा क्यों कहा?

Khoji NCR
2024-05-03 09:54:43

राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव न लड़ने पर कांग्रेस के पूर्व नेता संजय निरुपम ने कसा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जिस तरह से हार के डर से अमेठी से भागे हैं। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं

के मनोबल को नुकसान होगा। ऐसा लगता है कि राहुल जी ने विरासत कर लगा दिया है और सिर्फ रायबरेली को अपने पास रखा है बाकी छोड़ दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल के वायनाड और उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार भी राहुल गांधी दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़े थे। हालांकि, राहुल गांधी इस बार अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के इस फैसले पर भाजपा ने निशाना साधा है। पीएम मोदी समेत भाजपा के कई नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी डरकर अमेठी से भाग रहे हैं। संजय निरुपम ने राहुल गांधी पर कसा तंज राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव न लड़ने पर कांग्रेस के पूर्व नेता संजय निरुपम ने भी कसा तंज कसा है। उन्होंने कहा,"राहुल गांधी जिस तरह से हार के डर से अमेठी से भागे हैं। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल को नुकसान होगा। ऐसा लगता है कि राहुल जी ने विरासत कर लगा दिया है और सिर्फ रायबरेली को अपने पास रखा है बाकी छोड़ दिया।" कांग्रेस ने अमेठी की उपेक्षा की: संजय निरुपम संजय निरुपम ने आगे कहा,"परसों प्रियंका गांधी भाषण दे रही थी कि मेरे पिताजी को विरासत में शहादत मिली। विरासत में और कुछ नहीं मिला। आज लग रहा है कि खुद अमेठी में चुनाव लड़कर शहीद होने के बजाय एक कार्यकर्ता को शहीद होने के लिए भेज दिया यानी शहादत के उस परंपरा को भी उन्होंने खंडित कर दिया। जिस तरह कांग्रेस पार्टी ने अमेठी की उपेक्षा की है, उसका रिजल्ट आगामी चुनाव के बाकी चरणों में देखने को मिलेगा।" आखिरकार राहुल गांधी ने अमेठी छोड़ दिया.... राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव न लड़ने पर ग्रेस के इस फैसले पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट लिखा, आखिरकार राहुल गांधी ने अमेठी छोड़ दिया। हारने वाले अक्सर ऐसा करते हैं। इसमें कोई आश्चर्य तो नहीं है। यह भी स्वीकारोक्ति है कि राहुल गांधी जीत नहीं सकते। ऐसे में किसी को भी INDI एलायंस पर अपना वोट क्यों बर्बाद करना चाहिए? तीसरे चरण के बाद मतदान और भी अधिक एनडीए के पक्ष में होगा। लेकिन जो बात परेशान करने वाली है वह है प्रियंका वाड्रा को सत्ता से बाहर रखने का व्यवस्थित प्रयास किया जा रहा है।

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