राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायाधीशों ने दोनों पक्षों की आपसी सहमति से 4657 मामलों में से किया 2952 मामलों का निपटान

Khoji NCR
2024-03-09 12:19:06

कहा, लोक अदालत में मामलों का निपटान होने से नागरिकों के समय व धन की होती है बचत नालसा व हालसा के सौजन्य से जिला व उपमंडल स्तर पर हुआ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन खोजी साहून खांन गोरवाल नूंह, 9 म

र्च : राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) व हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण (हालसा) के सौजन्य से शनिवार को जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर से जिला व उपमंडल की न्यायिक परिसरों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान न्यायाधीशों ने दोनों पक्षों की आपसी सहमति से मामलों का निपटान किया। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 4657 मामलों में से 2952 मामलों की सुनवाई की गई तथा कुल सात करोड़ 20 लाख 56 हजार 913 रुपये की राशि जुर्माना व अवार्ड के रूप में पास की गई। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री लिटिगेशन के 472 मामलों में सभी निपटान कर दिया गया तथा 77 लाख 70 हजार 905 रुपये अवार्ड व जुर्माना राशि तथा कोर्ट में लंबित मामलों के 4185 मामलों में से 2480 मामलों का निपटारा किया गया जबकि छ: करोड़ 42 लाख 86 हजार 08 रुपये की राशि जुर्माना व अवार्ड के रूप में पास की गई। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव कुणाल गर्ग ने बताया कि इस वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न अदालतों में लंबित मुकदमों अपराधिक मामलों, एनआईए एक्ट, बैंक रिकवरी, एमएसीटी, श्रम विवाद, बिजली व पानी बिल, वैवाहिक विवाद, भूमि अधिग्रहण, सर्विस मामलों सहित अन्य सिविल मामलों की सुनवाई की गई। उन्होंने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष सुशील कुमार गर्ग द्वारा जिला स्तर पर गठित बैंचों में लोक अदालत में मामलों की सुनवाई की गई। इसी प्रकार से उपमंडल फिरोजपुर-झिरका व पुन्हाना की अदालतों में न्यायाधीशों ने मामलों की सुनवाई कर नागरिकों के मामलों का निपटान किया। सीजेएम सुनील कुमार गर्ग ने बताया कि जिला स्तर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप कुमार दुग्गल, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जोगिन्द्र सिंह,न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) कार्तिका शर्मा, उपमंडल पुन्हाना में उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी नेहा गोयल, तथा उपमंडल फिरोजपुर-झिरका प्रदीप कुमार की अदालत में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई। लोक अदालत में मामलों की सुनवाई करते हुए न्यायाधीशों ने कहा कि लोक अदालत में मामलों के निपटान से नागरिकों से समय व धन की बचत होती है।

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