चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग के लिए साल 2023 रहा संघर्षों भरा, कोविड-19 से अबतक नहीं उभरा देश; कई मुद्दों की वजह से गिरी अर्थव्यवस्था

Khoji NCR
2023-12-25 10:27:06

2023 जनसंख्या के मामले में चीन सबसे बड़ा देश माना जाता है। चीन महामारी के दौरान अपनी जनसंख्या को नियंत्रित करने में सफल साबित हुआ। इस सफलता के बावजूद चीनी अधिकारी जमीनी स्तर पर निराशा को विकसित ह

ोने से रोकने में विफल रहे। यहां तक कि चीनी लोगों के मसीहा बने शी जिनपिंग भी अपने देशवासियों का असंतोष दूर नहीं कर पाए। साल 2023 चीन के लिए संघर्षों भरा रहा। 2023 के दौरान चीन ने कोविड-19 से उभरने के लिए कई संघर्षों का सामना किया। चीन के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने 2022 के अंत में कठोर लॉकडाउन की अपनी नीति को बिना किसी ठोस कारण के बदल दिया था। कोविड-19 के दौरान चीन में कितने लोगों की मौत हुई उसको लेकर देश ने खुलकर आंकड़ों का खुलासा अबतक नहीं किया। वास्तव में किसी को नहीं पता है कि COVID संक्रमणों में विस्फोटक उछाल से चीन में कितने लोगों की मौत हुई। चीन में मौत के आकड़ों को लेकर भावी सूचक विज्ञान खुफिया कंपनी एयरफिनिटी (Predictive Science Intelligence Company Airfinity) ने अनुमान लगाया कि मरने वालों की संख्या 1.3 से 2.1 मिलियन के बीच है। चिनफिंग भी लोगों के बीच पनपे असंतोष को नहीं कर पाए दूर जनसंख्या के मामले में चीन सबसे बड़ा देश माना जाता है। चीन महामारी के दौरान अपनी जनसंख्या को नियंत्रित करने में सफल साबित हुआ। इस सफलता के बावजूद, चीनी अधिकारी जमीनी स्तर पर निराशा को विकसित होने से रोकने में विफल रहे। यहां तक कि चीनी लोगों के मसीहा बने शी चिनफिंग भी इस खतरनाक तूफान से लोगों के द्वारा किए जा रहे संघर्ष के बीच पनपे असंतोष को अपनी बातों और वादों से दूर करने में अमसर्थ रहे। चीन में पूरे 2023 में महसूस की गई आर्थिक मंदी दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में लंबे समय तक कोविड-उन्मूलन नीति बनाए रखना सीसीपी की एक बड़ी उपलब्धि थी। वहीं, यह एक व्यवहार्य रूप से लंबे समय तक वाली रणनीति नहीं थी। इसकी वजह से चीन के नागरिकों और अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ। इस कारण ही पूरे 2023 में आर्थिक मंदी महसूस की गई। चीनी निर्यात में आई भारी गिरावट चीनी निर्यात में गिरावट आ रही है (जून में, साल-दर-साल निर्यात में 12.4 फीसदी की गिरावट आई थी)। इसके अलावा, चीन में कर्ज रिकॉर्ड स्तर पर है और संपत्ति क्षेत्र का संकट और गहरा हो गया है। वहीं, घर की बिक्री दिसंबर 2020 की तुलना में केवल आधी है और देशभर में 60-80 मिलियन अपार्टमेंट खाली पड़े हैं।

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