मीडिया कर्मियों को पेंशन देने की झूठी घोषणा कर वाहवाही लूट रही भाजपा सरकार : विजय बंसल।

Khoji NCR
2023-12-20 10:47:51

खोजी/सुभाष कोहली कालका/पिंजौर। हरियाणा सरकार द्वारा विगत 14 नवंबर 2023 को जारी की गई अधिसूचना में पत्रकारों को मिलने वाली पेंशन योजना में कई बदलाव किये गए है, इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए हरि

याणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्व प्रदेश सचिव और पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार एडवोकेट विजय बंसल ने कड़ी आपत्ति जताई है। एडवोकेट विजय बंसल ने हरियाणा सरकार को कानूनी नोटिस भेज कर जारी की गई अधिसूचना में संशोधन करने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि एक महीने के भीतर अधिसूचना में संशोधन ना किया गया तो वह पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार की अधिसूचना के विरुद्ध जनहित याचिका दायर करेंगे। एडवोकेट विजय बंसल ने बताया कि सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना में एक ही परिवार के दो या अधिक पत्रकारों को पेंशन न देने का जिक्र है और एक परिवार में केवल एक ही पत्रकार को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जबकि विधायकों में एक ही परिवार के अंदर पति-पत्नी पिता पुत्र भाई-भाई जो विधायक हैं या पहले रह चुके हैं जब उन्हें पेंशन मिल सकती है तो पत्रकारों के एक ही परिवार में अलग-अलग सदस्यों को पेंशन क्यों नहीं मिल सकती। एडवोकेट विजय बंसल ने कहा कि इसके अलावा जारी की गई अधिसूचना में किसी भी पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर पेंशन या सरकार से मिलने वाली सभी सुविधाओं को बंद करने का उल्लेख है, लेकिन विधायकों या जनप्रतिनिधियों के लिए जिस प्रकार से 2 साल या उससे अधिक सजा होने के बाद ही विधायकों पर कानूनी कार्यवाही करने की व्यवस्था है तो उसी प्रकार की व्यवस्था पत्रकारों के लिए भी होनी चाहिए। विजय बंसल एडवोकेट ने सरकार से उक्त अधिसूचना को तुरन्त वापिस लेने की मांग करते हुए कहा कि या तो अधिसूचना में अंकित किए गए कुछ प्रावधानों पर संशोधन किया जाए ताकि पूरी उम्र सरकारी एवं गैर सरकारी समाचार लिखने वाले पत्रकार या समाचार पत्रों से जुड़े हुए मीडिया कर्मियों को सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें सरकारी सुविधा उपलब्ध हो सके। एडवोकेट विजय बंसल ने प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि सरकार सभी वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन देने की झूठी घोषणाएं कर केवल वाहवाही लूटने का काम कर रही है जबकि धरातल पर स्थिति कुछ और बयां कर रही है। उन्होंने कहा कि विशेष कर फील्ड में काम करने वाले अधिकतर पत्रकार बिना वेतन के या बहुत कम वेतन पर समाचार पत्रों में समाचार लिखकर सारी उम्र आम लोगों की आवाज उठाने या सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करते हैं यदि सेवानिवृत्ति के बाद पत्रकारों को सरकार पेंशन दे भी देती है तो इसमें गलत क्या है। उन्होंने सरकार पर इस प्रकार की घोषणाएं कर राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को जल्द से जल्द अधिसूचना में संशोधन करना चाहिए।

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