केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पुराना क्लब बताया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद एक पुराने
्लब की तरह है जहां ऐसे सदस्य हैं जो क्लब से अपनी पकड़ छोड़ना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि यह एक मानवीय विफलता है। मुझे लगता है कि आज यह दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पुराना क्लब बताया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद एक पुराने क्लब की तरह है, जहां ऐसे सदस्य हैं जो क्लब से अपनी पकड़ छोड़ना नहीं चाहते। पुराने क्लब की तरह है संयुक्त राष्ट्र- विदेश मंत्री विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा परिषद एक पुराने क्लब की तरह है। यहां ऐसे सदस्य हैं, जो सिर्फ क्लब पर नियंत्रण रखना चाहते हैं। वह इसमें अधिक सदस्यों को शामिल नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक मानवीय विफलता है। मुझे लगता है कि आज यह दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है। क्योंकि दुनिया के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र कम से कम प्रभावी होता जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मैं आपको वैश्विक भावना भी बता सकता हूं। मेरा मतलब है, आज अगर आप दुनिया के 200 देशों से पूछें। क्या आप सुधार चाहते हैं या नहीं। इस पर बड़ी संख्या में देश हां कहेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने कुछ मुद्दे उठाए और उन्होंने हमें कुछ जरूरी बातें बताई। समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय संबंधों में ऐसी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। हमने बहुत ईमानदारी से कनाडा के लोगों से कहा है कि यह आपके ऊपर है, मेरा मतलब है कि आप चाहते हैं कि हम इसे आगे देखें या नहीं। जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन को दी नसीहत इसके अलावा उन्होंने भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंध पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि मैं आपको सुझाव देना चाहूंगा कि पाकिस्तान के साथ संबंध वास्तव में एक अपवाद है। मुझे लगता है कि हमें यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि हमारे सभी पड़ोसी हर दिन हमारे साथ सभी मुद्दों पर सहमत होंगे। उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से चाहेंगे कि चीन के साथ हमारे संबंध आज की तुलना में बेहतर हों, लेकिन अगर पिछले तीन सालों में हालात और कठिन हो गए हैं तो यह हमारे कारण नहीं है। इसलिए कि उन्होंने सीमा पर समझौतों का पालन नहीं करने का चुनाव किया है, लेकिन फिर भी कूटनीति यह है कि आपके पड़ोसी भले ही चुनौतीपूर्ण हों, लेकिन आप कभी हार नहीं मानते। जयशंकर ने G20 को कूटनीतिक उपलब्धि बताया विदेश मंत्री जयशंकर ने हाल ही में भारत में संपन्न हुए जी-20 को कूटनीतिक उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि G20 विश्व कप की तरह है, जहां सबसे बड़े और मजबूत खिलाड़ी एक साथ आए। दुनिया के सबसे प्रभावशाली, शक्तिशाली और पारिणामिक देश एक साथ इकट्ठा हुए।
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