न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दिल्ली को साल-दर-साल ऐसे ही नहीं चलाया जा सकता। अदालत ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि नगर नि
गम का ठोस कचरा खुले में न जलाया जाए। इस पर भाजपा ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर एक तमाचा है सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रदूषण पर अपना निर्देश पारित किया। इस निर्देश को लेकर भाजपा ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर एक तमाचा है और मांग की कि वह राष्ट्रीय राजधानी को गैस चैंबर में बदलने के लिए माफी मांगें। इससे एक दिन पहले शीर्ष अदालत ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के बीच पराली जलाना तत्काल रोका जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को दिए निर्देश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दिल्ली को साल-दर-साल ऐसे ही नहीं चलाया जा सकता। पीठ ने पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, "हर बार राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती।" अदालत ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि नगर निगम का ठोस कचरा खुले में न जलाया जाए। अरविंद केजरीवाल को मांगनी चाहिए माफी कोर्ट के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के वायु प्रदूषण और पंजाब में पराली मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की पूरी पोल खुलने के बाद अरविंद केजरीवाल को दिल्ली को गैस चैंबर बनाने और पिछले 8 वर्षों में ताजी हवा में सांस लेने का हमारा हक छीनने के लिए माफी मांगनी चाहिए" सोशल मीडिया पर किया पोस्ट पूनावाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के लिए दिवाली और दूसरी चीजों को जिम्मेदार बताया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख करते हुए पूरानाला ने उम्मीद जताई कि केजरीवाल अब पंजाब और दिल्ली में अपनी सरकार को छोड़कर हर किसी को दोष देना बंद कर देंगे। केजरीवाल का स्पष्ट संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, "एक व्यक्ति की अक्षमता के कारण दिल्ली-एनसीआर में लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं, जिसने दिल्ली को गैस चैंबर में बदल दिया है।" लगातार पांच दिनों तक वायु गुणवत्ता गंभीर रहने के बाद मंगलवार सुबह दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।
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