खोजी/मनोज गोयल गुडियानिया* *गुरूग्राम* वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा लागू ग्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) की पालना नगर निगम गुरूग्राम द्वारा गंभीरता से की जा रही है। धूल को उडऩे स
रोकने तथा प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। नगर निगम गुरूग्राम की पर्यावरण एवं स्थिरता विंग के नोडल अधिकारी संयुक्त आयुक्त डा. नरेश कुमार ने बताया कि नगर निगम गुरूग्राम द्वारा सडक़ों व पेड़ों पर पानी का छिडक़ाव तेज गति से किया जा रहा है, ताकि प्रदूषण का स्तर कम किया जा सके। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में जीआरएपी का चौथा चरण लागू किया हुआ है तथा कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं। नियम के तहत सभी प्रकार की निर्माण एवं तोडफ़ोड़ गतिविधियां बैन कर दी गई हैं तथा निर्माण सामग्री पर नियमति पानी का छिडक़ाव व उसे कवर रखना अनिवार्य है। अगर कोई व्यक्ति प्रतिबंध के बावजूद भी इस प्रकार की गतिविधि करता है, तो उसका नियमानुसार चालान किया जा रहा है। इसके अलावा, कचरा व मलबा डंपिंग, कचरे में आग लगाना आदि भी पूरी तरह से प्रतिबंधित है। उन्होंने बताया कि नगर निगम गुरूग्राम द्वारा जीआरएपी के तहत अब तक 151 उल्लंघनकर्ताओं पर 15 लाख 33 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया है। इनमें कचरा डंपिंग के मामले में 37 चालान, कचरा जलाने के मामले में 5 चालान, सीएंडडी वेस्ट व निर्माण सामग्री के मामले में 16 चालान, निर्माण गतिविधियों के मामले में 60 चालान, ठोस कचरा प्रबंधन नियमों की अवहेलना के मामले में 18 चालान तथा प्रतिबंध के बावजूद निर्माण के मामले में 15 चालान शामिल हैं। नोडल अधिकारी ने कहा कि नगर निगम गुरूग्राम व दमकल विभाग द्वारा पर्यावरण प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सडक़ों व पेड़ों पर पानी का छिडक़ाव किया जा रहा है। नगर निगम गुरूग्राम के 40 टैंकर अलग-अलग क्षेत्रों में सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट से शोधित पानी का छिडक़ाव कर रहे हैं। इसके साथ ही सुबह 3 बजे से सुबह 7 बजे तक 10 दमकल वाहन अपने-अपने क्षेत्रों में पानी का छिडक़ाव कर रहे हैं। साथ ही सडक़ों की सफाई मैकेनिकल माध्यम से सुनिश्चित की जा रही है, ताकि धूल को उडऩे से रोका जा सके। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे जीआरएपी नियमों की पालना करें।
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