खोजी/सुनीता गोयल* *रेवाई* इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर, रेवाड़ी की महिला प्रकोष्ठ एवं छात्र कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘मिशन साहसी योजना’ के तहत एक मेगा शो का आयोजन किया गया
विश्वविद्यालय शैक्षणिक विभागों एवं और संबद्ध महाविद्यालयों की छात्राओं ने मिशन साहसी योजना के अंतर्गत आत्मरक्षा तकनीकों का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा लोक सेवा आयोग की सदस्य श्रीमती ममता यादव रही। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे.पी. यादव एवं कार्यक्रम समन्वयक प्रो. रोमिका बत्रा ने मुख्य अतिथि का फूलों के गुलदस्ते से स्वागत किया एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। छात्रा धनेश्वरी ने मुख्य अतिथि के लिए स्वागत गीत प्रस्तुत किया एवं छात्रा ज्योति और मुस्कान ने दुर्गा संगीत प्रस्तुत करते हुए अपनी प्रतिभा दिखाई। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. रोमिका बत्रा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए मुख्य अतिथि का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नारी ही शक्ति है, भक्ति है, शान है, आन है। आत्मरक्षा संबंधी कुछ सेल्फ डिफेंस सीखना आज के परिवेश में बहुत जरूरी होता जा रहा है। मिशन साहसी का उद्देश्य छात्राओं को साहसी और आत्मनिर्भर बनाना है। इस कार्यक्रम के तहत आत्मरक्षा संबंधित छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया। इससे छात्राओं में आत्मविश्वास की भावना बढ़ेगी। मुख्य अतिथि श्रीमती ममता यादव ने सभी छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मिशन साहसी एक अपने आप में एक संकल्प है, नारी आत्मरक्षा, आत्म सम्मान, आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए आत्मरक्षा के गुर हमें शारीरिक एवं मानसिक मजबूती प्रदान करते है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि सशक्त, निर्भय, निडर नारी ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकती है। मिशन साहसी के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने का कार्य निशुल्क एबीवीपी संगठन कर रहा है यह बहुत ही काबिले तारीफ है। छात्राओं को स्वावलंबी और साहसी बनाने के लिए चलाया गया ‘मिशन साहसी अभियान’ सार्थक सिद्ध होगा। निर्भया जैसी घटना फिर न घटे इसीलिए यह मिशन 2018 में शुरू किया गया। उन्होंने सभी छात्राओं को आत्मविश्वास के साथ जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। कुलपति प्रो. जे.पी. यादव ने कहा कि सभी छात्राओं को आत्मरक्षा संबंधी बातें जरूर सीखनी चाहिए। सशक्त बनने पर आत्मविश्वास बढ़ता है और आत्मविश्वास के बलबूते पर ही हम मुसीबत में अपना बचाव कर सकते है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही इस कार्यक्रम को नियमित रूप से विश्वविद्यालय में शुरू करेंगे। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि इस तरह के कार्यक्रमों में सभी छात्राएं बढ़-चढ़कर भाग लें। आत्मरक्षा ट्रेनर धीरज यादव ने सभी छात्राओं को आत्मरक्षा से संबंधित जरूरी सुझाव दिए की दुश्मन का ध्यान भटकाने के लिए नाक, गला, गर्दन, बिलो दी बेल्ट, जॉइंट्स या सिर पर वार करें इन जगहों पर वार करना सबसे ज्यादा असरदार होता है। निरंतर 3 दिन से चल रहे प्रशिक्षण कैंप में विश्वविद्यालय एवं रेवाड़ी, नारनौल, महेन्द्रगढ़ से 15 महाविद्यालयों के करीब 150 छात्राओं ने आत्मरक्षा प्रदर्शन के अंतर्गत ट्रेनिंग प्रशिक्षण लिया एवं सभी को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया। विभिन्न महाविद्यालयों से आई हुई सभी शिक्षिकाओं एवं सभी छात्राओं ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे.पी. यादव का आभार व्यक्त किया। सभी छात्राओं ने कार्यक्रम में मिले आत्मरक्षा प्रशिक्षण को बहुत लाभदायक बताया। उन्होंने आह्वान किया कि इस तरह के कार्यक्रम निरंतर होते रहने चाहिए ताकि हम सभी का आत्मविश्वास बढ़ता रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉक्टर जागीर नगर द्वारा किया गया।
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