संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन की ओर से एक मसौदा पेश कर इजरायल और हमास आतंकियों के बीच तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था जिसमें भारत किसी भी पक्ष के साथ नजर नहीं आया। भारत सरकार के
स कदम पर विपक्षी पार्टियों ने जमकर आलोचना की है । इजरायल और हमास के बीच संघर्ष का आज 22 वां दिन है। इस युद्ध में दोनों तरफ से अब तक आठ हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन की ओर से एक मसौदा पेश कर इजरायल और हमास आतंकियों के बीच तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था। हालांकि, भारत ने इस मसौदा प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया। भारत के मतदान से दूरी बनाए जाने के बाद विपक्षी दलों ने भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाया है। प्रियंका गांधी ने सरकार की मंशा पर उठाया सवाल कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए महात्मा गांधी का एक कथन पोस्ट किया, जिसमें राष्ट्रपिता ने कहा था आंख के बदले आंख का सिद्धांत पूरी दुनिया को अंधा कर देगा। उन्होंने कहा कि मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारे देश ने गाजा में युद्ध विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र में होने वाले मतदान में भाग लेने से परहेज किया है। NCP प्रमुख शरद पवार ने क्या कहा? वहीं, इस मामले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा है कि केंद्र सरकार इस समय भ्रम में है। उन्होंने कहा कि भारत की नीति फलस्तीन का समर्थन करने की थी, इजरायल का नहीं। भारत सरकार पर बरसे ओवैसी जॉर्डन की ओर से लाए गए तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान करने वाले मसौदे पर वोटिंग में भाग नहीं लेने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारत सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का मतदान में भाग नहीं लेना चौकाने वाला है। उन्होंने कहा कि इजरायल-हमास युद्ध के बाद से ही चीजें खराब हो गई हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह एक मानवीय मुद्दा है।
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