मणिपुर में दो समुदायों के बीच लगातार हिंसा जारी है। वहीं इस बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मणिपुर हिंसा के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल होने के आरोपी एक व्यक्ति की जमानत याचिका का विर
ध किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मणिपुर हिंसा के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल होने के आरोपी एक व्यक्ति की जमानत याचिका का विरोध किया है। एजेंसी ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सचिन गुप्ता के समक्ष प्रस्तुत किया कि आरोपी मोइरांगथेम आनंद सिंह का प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ाव था और उसे चल रहे संघर्ष से प्रभावित क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ अत्याधुनिक हथियारों और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया गया था। एजेंसी ने अदालत को बताया, आरोपी भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए मणिपुर राज्य में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाने के लिए उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों में सक्रिय रूप से सक्रिय आतंकवादी संगठनों के म्यांमार स्थित नेतृत्व द्वारा रची गई अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल था और मौजूदा हालात को बिगाड़कर वहां आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं। इसमें कहा गया कि यदि आरोपी को जमानत पर रिहा किया गया, तो इससे चल रही जांच में कठिनाई होगी और आरोपी के इतिहास को देखते हुए, इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि वह फिर से इसी तरह की गतिविधियों में शामिल होगा, जिससे राज्य में वर्तमान सुरक्षा स्थिति खराब हो जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार, अदालत 8 नवंबर को अर्जी पर दलीलें सुनेगी। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को नई दिल्ली लाया गया और 23 सितंबर को दिल्ली की अदालत में पेश किया गया। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई जातीय हिंसा में 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई सौ लोग घायल हुए हैं।
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