धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। हरियाणा सरकार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, सरकारी विभागो का निजिकरण बंद करना, जो सरकारी कर्मचारी कार्य कर रहे है, उनको जॉब सुरक्षा की गारंटी देना, सरकारी विभाग
ं में लाखो पद खाली हैं, उनको स्थाई भर्ती करके भरना, हरियाणा कौशल रोजगार को भंग करना, प्रदेश के कर्मचारियों कि नई स्कीम पेंशन योजना को बंद करके पुरानी पेंशन योजना लागू करना, सभी लिपिकों को 34500 वेतनमान देना, जैसी सभी मांगो को जल्द पूरा कर। जिला प्रधान धनराज ने कहा कि इस मांग को लेकर सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा लंबे समय से आंदोलन कर रहा है मगर संघ की बात मानने की बजाए कर्मचारियों के हितों का हनन करते हुए इनमें भय और भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी हरियाणा सरकार ने अपने कर्मचारियों को 4 फीसदी महंगाई भत्ता देने का ऐलान किया, जोकि महंगाई के अनुरूप कर्मचारियों का सिविल सर्विस नियम के हिसाब से वर्ष में 2 बार बढ़ाया जाता है। मौजूदा समय डीए 42 फीसदी से बढ़कर 46 फीसदी कर दिया गया है और प्रदेश का मुखिया इसको कर्मचारियों को दिपावली का तोहफा बताकर व्यापक प्रचार भी कर रहा है, जैसे कर्मचारियों को कोई अतिरिक्त बोनस दिया गया हो। उन्होंने कहा कि सरकार ने तो कोरोना काल के दौरान 18 माह का डीए का एरीयर आज तक कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया गया। जुलाई से सितंबर तक का डीए का एरियर दिसम्बर के वेतन के साथ दिया जाएगा और ऐसा सरकार अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाली बात कह रही है, जबकी हकीकत कुछ और बयान कर रही है। जिला प्रधान धनराज ने कहा कि सरकार प्रदेश के कर्मचारियों को वास्तविकता में अगर कोई तोहफा देना ही चाहती है, कर्मचारियों की उपरोक्त मांगों को तो उपरोक्त लागू करे अन्यथा सरकार वाहियात के विज्ञापन देना बंद करें।
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