खोजी/सुभाष कोहली कालका। हरियाणा सरकार की ओर से पिछले लगभग 2 सालों से लागू धारा -7ए के चलते नगरीय क्षेत्र में रजिस्ट्री पर रोक लगी है, इससे लोग परेशान हैं। यह कहना है स्थानीय समाजसेवी एवमं नप चे
रमैन प्रत्याशी घनश्याम टगरा का। घनश्याम का कहना है कि एक तरफ जहां कोरोना महामारी के कारण विकास का पहिया थम गया है। वहीं, दूसरी ओर नगरीय क्षेत्र में धारा-7ए लागू रहने से लोग आर्थिक मंदी का शिकार हो रहे हैं। कालका-पिंजौर का एरिया एक अर्धपहाड़ी क्षेत्र है, इसके अंतर्गत आने वाले हलका कालका में रोजगार के कोई विशेष साधन नहीं हैं। पहले क्षेत्र में एसीसी कंपनी सूरजपुर, एचएमटी ट्रैक्टर प्लांट, वर्कशॉप उत्तर रेलवे संस्थान रोजगार मुहैया करवाने के प्रमुख साधन थे आज वे भी बंद पड़े हुए हैं। इसलिए यहां के लोग, जमींदार, किसान अपने बच्चों की पढ़ाई, शिक्षा, ब्याह, शादी आदि जरूरतों को जमीन बेच कर पूरा कर लेते थे, परंतु धारा-7ए लागू होने से छोटे प्लॉट आदि की रजिस्ट्री पर रोक के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने धारा-7ए के कारण ग्रामीण क्षेत्रों की बंद पड़ी रजिस्ट्री को मार्च महीने में अधिसूचना जारी कर खोल दिया परंतु नगरीय क्षेत्र की रजिस्ट्री को नहीं खोला गया। इतना ही नहीं नगर व ग्राम आयोजना विभाग हरियाणा सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर धारा-7ए के अधीन प्रस्तावित नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 113 गांव की सूची जारी कर दी। इसमें तहसील कालका के कुछ गांवों को शामिल कर दिया गया था। लोगों ने नगरीय क्षेत्र में अपना अशियाना बनाने के लिए बैंक से लोन तो ले लिया पर परंतु रजिस्ट्री नहीं करवा पा रहे। सात महीने से धारा -7ए लगी होने के कारण सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का घाटा हो रहा है। वहीं, दूसरी ओर रजिस्ट्री बंद होने की वजह से लोगों को आर्थिक मंदी से गुजरना पड़ रहा है। घनश्याम का कहना है कि आमजन की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों में नियम बनाकर रजिस्ट्री खोलकर पिछले सात महीनों से इस समस्या से जूझ रहे लोगों राहत देने का काम करना चाहिए। घनश्याम टगरा का मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री से निवेदन है कि आम जनता, जमींदार, किसान आदि के हितों को देखते हुए नगरीय क्षेत्र से भी धारा -7ए हटाकर रजिस्ट्रियां शुरू करवाई जाएं।
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