स्वरोजगार के लिए एक लाख से 1.50 लाख रुपए तक का दिया जाता है ऋण धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के तहत पात्र लाभार्थियों को एक
लाख से 1.50 लाख रुपए तक का लाभ दिया जा रहा है। इस निगम का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के अनुसूचित जाति के सदस्यों को स्वयं रोजगार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस दिशा में विभिन्न बैंकों, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम तथा राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से तीन तरह के लाभ प्रदान किए जाते हैं। डीसी राहुल हुड्डा ने बताया कि एक लाख अस्सी हजार रुपये तक की आय वाले अनुसूचित जाति के सदस्य, जो प्रार्थी हरियाणा का स्थाई निवासी हो, प्रार्थी की आयु 18 से 45 वर्ष तक हो, प्रार्थी निगम का और बैंक का डिफाल्टर न हो, प्रार्थी द्वारा निगम से लिये गये पहले किसी ऋण का दुरुपयोग न किया हो, वह प्रार्थी महिला समृद्धि( योजना 4 प्रतिशत ब्याज दर) और सूक्ष्म वित्त योजना 5 प्रतिशत ब्याज दर) के तहत अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से बुटीक, ब्यूटी पार्लर, किराना दुकान, मनिहारी दुकान, जूता कार्य व कपड़ा कार्य इत्यादि व्यवसायों के लिए एक लाख रूपये तक के ऋण ले सकते हैं। इस स्कीम के अंतर्गत 10 हजार रुपये तक का अनुदान केवल बी.पी.एल. परिवारों को निगम द्वारा दिया जाता है। इन स्कीमों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 नवंबर, 2023 है। इसके लिए आवेदन हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की वेबसाइट hsfdc.org.in पर किया जा सकता है। डीसी ने बताया कि एक लाख अस्सी हजार तक की आय वाले अनुसूचित जाति के सदस्यों को स्वरोजगार हेतु जैसे पशुपालन, किराना दुकान, झोटा-बुग्गी, खच्चर रेहड़ी व सुअर पालन इत्यादि के लिए बैंकों के माध्यम से 1 लाख 50 हजार रुपये तक का ऋण ले सकते हैं। हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा कुल लागत राशि का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 हजार रुपये तक का अनुदान व 10 प्रतिशत मार्जिन मनी 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध करवाई जाती है। इसके अतिरिक्त बकाया ऋण बैंकों द्वारा दिया जाता है। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के वित्तीय सहयोग से भी सैनिटेशन कार्य में लगे राज्य के सफाई कर्मियों तथा उनके आश्रितों को पशुपालन, व्यापारिक क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, ई-रिक्शा इत्यादि आदि व्यवसायों के लिए 4 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर एक लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
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