हर साल 24 अक्टूबर को वर्ल्ड पोलियो डे मनाया जाता है। पोलियो एक गंभीर बीमारी है जिससे ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चे संक्रमित होते हैं। इसलिए पोलियो के वैक्सीनेशन के महत्व के बारे में इस दिन
ागरूकता फैलाई जाती है और पोलियो को समाप्त करने के लिए कैम्पेन चलाए जाते हैं। जानें क्या है वर्ल्ड पोलियो डे का इतिहास और पोलियो के लक्षण और बचाव का तरीका। हर साल 23 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस (World Polio Day) मनाया जाता है। इस दिन पोलियो वैक्सिनेशन के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती है। इस दिन पोलियो को जड़ से मिटाने के लिए दुनिया भर में पोलियो के खिलाफ कैम्पेन चलाए जाते हैं। आइए जानते हैं पोलियो से जुड़ी सभी जरूरी बातें। क्या है वर्ल्ड पोलियो डे का इतिहास? वर्ल्ड पोलियो डे की शुरुआत रोटरी इंटरनेशनल ने की थी। इस दिन को जोनास साल्क के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। जोनास साल्क ने पोलियो की वैक्सीन खोजने वाली पहली टीम को लीड किया था। 1988 में वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली ने पोलियो को दुनिया के सभी देशों से खत्म करने का मिशन शुरू किया। इस मिशन के जरिए बच्चों को इस भयंकर बीमारी से बचाने के लिए सभी बच्चों को वैक्सीन देने पर जोर दिया गया। वर्ल्ड पोलियो डे इसी पहल का हिस्सा है। क्या है इसका महत्व? पोलियो एक भयंकर बीमारी है, जिससे संक्रमित होने पर पैरालिसिस होने तक की संभावना भी होती है। यह ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है, इसलिए बच्चों को सभी वैक्सीन वक्त पर लगाने बेहद जरूरी होते हैं। इस दिन पैरेन्ट्स जो बच्चों को पोलियो वैक्सीन वक्त पर लगवाते हैं और सभी हेल्थ केयर वर्कर्स की सराहना की जाती है। भारत 2014 में पोलियो मुक्त देश बना। क्या है पोलियो? पोलिया को पोलियोमाइलाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। यह पोलियो वायरस से संक्रमित होने की वजह से होता है, जो स्पाइनल कॉर्ड की नसों को प्रभावित करता है। इस वजह से पैरालिसिस या मृत्यु भी हो सकती है। क्लैवरलैंड क्लीनिक के अनुसार, पोलियो वायरस पहले आपके गले को इन्फेक्ट करता है और फिर आपकी आंतो को। इस वजह से फ्लू जैसे लक्षण देखने मिलते हैं। इसके बाद यह इन्फेक्शन आपके दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से फैल सकता है। कैसे फैलता है पोलियो? टॉयलेट जाने के बाद हाथों को अच्छे से न धोना गंदा पानी पीना या उसमें खाना बनाना संक्रमित व्यक्ति के थूक, लार या मल के संपर्क में आना गंदे पानी में तैरने से गंदा खाना खाने से इसके लक्षण क्या होते हैं? गले में खराश बुखार सिर दर्द पेट दर्द उल्टी डायरिया थकावट गर्दन और पीठ में अकड़न मांसपेशियों में दर्द पैरों या हाथों को हिलाने में तकलीफ पैरालिसिस क्या है बचाव का तरीका? पोलियो से बचाव का एक मात्र तरीका उसकी वैक्सीन है। भारत में ओरल पोलियो वैक्सीन दी जाती है। पोलियो ड्रॉप्स हर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पिलाई जाती हैं।
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