तावडू में नवरात्र उत्सव के चौथे दिन माता कूष्माण्डा स्वरूप की पूजा श्रद्धा व हर्षोल्लास से की गई।

Khoji NCR
2023-10-18 12:29:20

तावडू 18 अक्टूबर (दिनेश कुमार): नवरात्र उत्सव के चौथे दिन माता कूष्माण्डा स्वरूप की पूजा श्रद्धालुओं द्वारा बुधवार को श्रद्धापूर्वक की गई। शहर व क्षेत्र के माता मंदिरों सहित अन्य मंदिरो में प

ूजा के लिए भक्तों की लंबी लाईने नजर आई। मंदिरों के बाहर पूजा एवं व्रत के सामान की स्टालें लगी हुई थी और श्रद्धालू खरीददारी करते नजर आए। भगवती दुर्गा की नौ शक्तियों में से चौथा स्वरूप कूष्माण्डा देवी का है। माना जाता है कि सृष्टि की उत्पत्ति से पहले जब चारों और अंधकार था और कोई भी जीव-जंतु नहीं था तो मां दुर्गा ने इस अंड यानी ब्रह्माण्ड की रचना की थी। कूष्माण्डा मां की सृष्टि की आदिस्वरूपा आदि शक्ति है। मां का निवास सूर्यमण्डल के भीतर के लोक में है। इनके शरीर की कांति और प्रभाव सूर्य के समान ही दैदीप्यमान और भास्वर है। मां के तेज प्रकाश से दसों दिशाएं प्रकाशित होती हैं। इनकी आठ भुजाएं है और माता सिंह पर सवार है। मां कू ष्माण्डा के सात हाथों में चक्र, गदा, धनुष, कमण्डल, अमृत से भरा हुआ कलश, बाण और कमल का फू ल है तथा आठवें हाथ में जपमाला है जो सभी प्रकार की सिद्धियों से युक्त है। शहर के माता मंदिरों सहित अन्य मंदिरों में माता के चौथे स्वरूप कूष्माण्डा देवी की पूजा अर्चना श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धापूर्वक की गई।

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