तवांग मठ के मठाधीश ने कहा कि हम भारत चीन या तिब्बत में रहने वाले लोगों की समस्याओं को युद्ध से हल नहीं कर सकते। हम शांतिपूर्ण तरीके से चर्चा करके ही समाधान निकाल सकते हैं। इसके लिए हमें हर समस्
ा पर चर्चा करनी होगी वास्तविकता का पता लगाना होगा और चर्चा करनी होगी। उन्होंने कहा कि तिब्बत में कोई धार्मिक स्वतंत्रता नहीं है। भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद तनाव जारी है। इस बीच तवांग मठ के प्रमुख ने दोनों देशों को लेकर बड़ा बयान दिया है। 'एक-दूसरे पर भरोसा करें भारत और चीन' तवांग मठ के प्रमुख शेडलिंग तुल्कु थुप्तेन तेंदार रिनपोछे (Shedling Tulku Thupten Tendar Rinpoche) ने कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे पर भरोसा करने और चर्चा के जरिए मुद्दों को सुलझाने के लिए आगे बढ़ने की जरूरत है। 'तिब्बत में नहीं है धार्मिक स्वतंत्रता' रिनपोछे ने कहा कि तिब्बत में कोई धार्मिक स्वतंत्रता नहीं है। इसलिए वे अपने घर दोबारा तभी आएंगे, जब उनके जन्म स्थान पर दावों का समाधान हो जाएगा। 'युद्ध से कोई भी समस्या हल नहीं होती' तवांग मठ के मठाधीश ने कहा कि हम भारत, चीन या तिब्बत में रहने वाले लोगों की समस्याओं को युद्ध से हल नहीं कर सकते। हम शांतिपूर्ण तरीके से चर्चा करके ही समाधान निकाल सकते हैं। इसके लिए हमें हर समस्या पर चर्चा करनी होगी, वास्तविकता का पता लगाना होगा और चर्चा करनी होगी। 'घर लौटने की चाहत कम हो गई है' आध्यात्मिक नेता ने कहा कि वे 1960 के दशक में तिब्बत से भारत आए थे, तब से वे केवल एक बार 2001 में वहां गए थे। हालांकि, उन्हें अपनी जन्मभूमि की याद हमेशा आती है, लेकिन वापस घर लौटने की चाहत कम हो गई है। उन्होंने कहा,
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