आयुर्वेद के हिसाब से जानें क्या है ड्राई फ्रूट्स खाने का सही तरीका

Khoji NCR
2023-10-06 09:28:51

कई पोषक तत्वों से भरपूर ड्राई फ्रूट्स सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में राहत दिलाने का काम करते हैं। अपने इन्हीं गुणों की वजह से इन्हें पोषण का पावरहाउस

हा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार ड्राई फ्रूट्स को ऊर्जा और आवश्यक पोषक तत्वों का एक मूल्यवान स्रोत माना जाता है। सेहतमंद रहने के लिए कई सारे लोग कई सारे उपाय करते हैं। अच्छा खाना हेल्दी रहने के लिए बेहद जरूरी है। यही वजह है कि लोग अपनी डाइट में अलग-अलग चीजों का शामिल करते हैं। सूखे मेवे यानी ड्राई फ्रूट्स इन्हीं में से एक हैं, जिन्हें पोषण का पावरहाउस कहा जाता है। अपने गुणों से भरपूर होने की वजह से सेहत को कई सारे लाभ पहुंचाता है। इतनी ही नहीं आयुर्वेद के अनुसार, ड्राई फ्रूट्स को ऊर्जा और आवश्यक पोषक तत्वों का एक मूल्यवान स्रोत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ड्राई फ्रूट्स वात, पित्त और कफ को संतुलित करते हैं और पाचन को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। सूखे मेवों को उनके स्वाद, शक्ति और दोषों पर प्रभाव के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। आइए जानते हैं आयुर्वेद के मुताबिक क्या इन्हें खाने का सही तरीका- बादाम बादाम, खासकर जब भिगोए हुए और छिलका उतारे हुए, वात से पीड़ित लोगों के लिए पौष्टिक और बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। पित्त वाले लोगों के लिए इन्हें भिगोकर खाना बेहतर होता है। वहीं, कफ वाले लोगों के लिए बादाम अपने कसैले गुणों के कारण ज्यादातकर मेवों से बेहतर हैं, लेकिन इन्हें सीमित मात्रा खाना चाहिए। सूखे अंजीर अंजीर पौष्टिक और मीठा होता है और वात से परेशान लोगों में वात की ड्राईनेस को संतुलित करने में मदद करता है। अंजीर थोड़ा गर्म हो सकता है, इसलिए पित्त वाले लोगों को इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। वे मीठे और काफी भारी भी होते हैं, जिसे ज्यादा मात्रा में खाने पर कफ को बढ़ सकता है। काजू वात प्रधान लोगों के लिए काजू काफी अच्छे हैं, क्योंकि वे वात के गुणों को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, पित्त प्रधान लोगों के लिए, ज्यादा मात्रा में काजू खाना हानिकारक हो सकता है, क्योंकि यग बहुत गर्म होता है। कफ से परेशान लोगों के लिए काजू इस समस्या को और बढ़ा सकता है, इसलिए इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। खजूर पोषक तत्वों से भरपूर खजूर वात प्रधान लोगों के लिए काफी लाभकारी है। यह अपने रेचन गुणों के कारण वात को संतुलित करने में मदद करता है। पित्त प्रधान लोगों के लिए, खजूर सीमित मात्रा में अच्छा हो सकता है; हालाँकि, यदि अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो ये गर्म हो सकते हैं। खजूर भारी और मीठा होता है, इसलिए कफ प्रधान लोगों को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। अखरोट वात-प्रधान लोगों को अखरोट का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इसमें थोड़ा कसैला गुण होता है, जिससे कब्ज हो सकता है। चूंकि अखरोट की तासीर गर्म और पौष्टिक होती है, इसलिए पित्त प्रधान लोगों को कम मात्रा में भी इनका खाना चाहिए। साथ ही यह हैवी और ऑयली भी होते हैं, इसलिए कफ प्रधान लोगों को भी इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।

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