आने वाले समय में जीयू को नैक एवं एनआईआरएफ में उत्कृष्ट ग्रेड प्राप्त होगा : प्रो. दिनेश कुमार, कुलपति* *खोज/मनोज गोयल गुडियानिया* *गुरुग्राम*।गुरुवार 5 अक्टूबर को गुरुग्राम विश्वविद्यालय में
्रदेश के समस्त सरकारी राज्य विश्वविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग, एनआईआरएफ एवं वर्ल्ड रैंकिंग में उत्कृष्ट ग्रेड प्राप्त करने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । 4 सत्रों में आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला में हरियाणा के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों,वरिष्ठ प्रोफेसर्स,आईक्यूएसी निदेशकों,कॉलेजो के प्रिंसिपलों ने भाग लिया । कार्यशाला हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् एवं गुरुग्राम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गयी । इस मौके पर प्रो.केसी शर्मा वाईस चेयरपर्सन,हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् ने वर्कशॉप की अध्यक्षता की वही दूसरी और प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, अध्यक्ष,एनबीए, ईसी, नैक,एनईटीएफ ने मुख्य अतिथि, कर्नाटक राज्य ग्रामीण विकास और पंचायत राज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णुकांत एस चटपल्ली ने विशिष्ठ अतिथि के रूप में कार्यशाला में उपस्थित रहे । गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कार्यशाला में उपस्थित सभी अतिथियों, एवं प्रतिभागियों का विश्वविद्यालय पहुंचने पर स्वागत किया । हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के वाईस चेयरपर्सन प्रो.केसी शर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में सभी को जानकारी दी और नैक और एनआईआरएफ के ग्रेडिंग के लिए विश्वविद्यालयों में आपसी तालमेल, साझेदारी, शैक्षणिक भागीदारी अपनी उत्कृष्ट सुविधाओं को साझा करने, शोध नवाचारों को अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग के अनुरूप करने पर बल दिया । कार्यशाला विशेषज्ञ के तौर पर नैक और एनबीए के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नैक, एनआईआरएफ के पैरामीटर्स पर उत्कृष्ट ग्रेड के लिए क्राइटेरिया वाइज सुधारने पर जोर दिया। उन्होंने रैंकिंग के लिए दाखिल किए जाने वाले डेटा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, रैंकिंग परसेप्शन के महत्व, पैरामीटर्स के आधार पर वैरिफिकेशन, डेटा प्रस्तुतिकरण, वैल्यूशन की प्रक्रिया, डेटा दाखिल करने में होने वाली त्रुटियां, भ्रामक उल्लेखों के नकारात्मक असर जैसे बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। प्रो. सहस्रबुद्धे ने परसेप्शन सुधार के लिए आउटपुट पर ध्यान देने के लिए कहा । प्रो. सहस्रबुद्धे ने कार्यशाला में 'वन नेशन वन डेटा के आधार पर विकसित किए जाने की बात कहते हुए कहा कि इसको विकसित कर लेने पर विश्वविद्यालयों को आवेदन दाखिल करने के लिए अलग से डेटा तैयार करने में लगने वाले समय की बचत होगी। प्रत्येक रैंकिंग के लिए इससे स्वतः डेटा लिया जा सकेगा। इस मौके पर जीयू के कुलपति ने कहा कि जीयू का लक्ष्य ऐसे युवा तैयार करना है, जो नए भारत को सुदृढ़ करने में सहयोग करें ।
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