*पुण्य के लिए मीडिया के पास सबसे बेहतर अवसर - आशा दीदी*

Khoji NCR
2023-09-23 10:44:29

ब्रह्माकुमारीज ने किया जनसंपर्क एवं मीडिया कर्मियों के लिए विशेष कार्यक्रम* *- ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ आयोजन* *खोजी/मनोज गोयल गुडियानिया* *गुरुग्राम* ब्रह्माकुमारीज के भोराकलां स्थित

ओम शांति रिट्रीट सेंटर में जनसंपर्क एवं मीडिया कर्मियों के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में 'व्यावसायिक जीवन में उन्नति के लिए डिवाइन कोड' विषय पर बोलते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ राजनयिक, आईएफएस, राजशेखर ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज से उनका काफी लंबे समय से संबंध है। आध्यात्मिक रूप से हम सभी एक-दूसरे से जुड़े हैं। एकता और आपसी सहयोग से हम अधिक उन्नति कर सकते हैं। बिना शांति और प्रेम के किसी भी प्रकार की भौतिक प्रगति मायने नहीं रखती। आज के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के समय आध्यात्मिकता की बहुत जरूरत है। हमें जीवन के हरेक पल में आध्यात्मिक मूल्यों की आवश्यकता है। एक अच्छा विचार ही अच्छा कर्म करा सकता है और अच्छे कर्मों से ही समाज में सद्भावना पैदा होती है। *- आध्यात्मिकता वो बल है जो निर्भयता और बेबाकी से सही बात कहने का साहस देता है* ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशिका आशा दीदी ने प्रेरणादायक वक्तव्य में कहा कि मीडिया एक पॉवर है। लेकिन जरूरत है कि अपनी पॉवर को बेहतर ढंग से उपयोग करे। बदलते हुए परिवेश में आध्यात्मिकता का महत्वपूर्ण योगदान है। आध्यात्मिकता एक बल है जो निर्भयता और बेबाकी से बात रखना सिखाता है। मीडिया जगत ही देश का सही मार्ग दर्शन कर सकता है। मीडिया के पास पुण्य कर्म करने के बेहतर अवसर हैं। जो प्रेरणा मीडिया की तरफ से आती है, वो दूर तक जाती है। जनसंपर्क के बारे में बोलते हुए आशा दीदी ने कहा कि सबसे पहले हमें एक अच्छा सुनने वाला बनना है। तब ही हम बेहतर ढंग से रेस्पोंड कर सकते हैं। खुले मन से चीजों को समझने की जरूरत है। *- आज फैक्ट के बजाय फेक न्यूज ने जगह ले ली* भारत सरकार के पूर्व मीडिया सलाहकार, एस नरेंद्र ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज में आना ही मेरा सौभाग्य है। आज डिजिटल टेक्नोलॉजी हमारी लाइफ में आ चुकी है। जिस कारण फैक्ट के बजाय फेक न्यूज ने जगह ले ली। मीडिया को नए सिरे से एजुकेट करने की जरूरत है। आज टेक्नोलॉजी के कारण बहुत सी समस्याएं पैदा हो गई हैं। आध्यात्मिक मूल्य ही मीडिया को बेहतर दिशा प्रदान कर सकते हैं। *- विज्ञान और आध्यात्मिकता हैं एक-दूसरे के पूरक* चेन्नई से प्राइम प्वाइंट चैनल के संस्थापक, श्रीनिवासन ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज एक आध्यात्मिक संगठन के साथ तकनीकी स्तर पर भी काफी आधुनिक है। विज्ञान और आध्यात्मिकता एक दूसरे के पूरक हैं। चंद्रयान की सफलता में आध्यात्मिकता की महत्वपूर्ण भूमिका है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ.अब्दुल कलाम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ.कलाम के जीवन में विज्ञान और आध्यात्मिकता का समन्वय रहा। श्रीनिवासन जी के द्वारा लिखित पुस्तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विमोचन बीके आशा दीदी एवं माननीय अतिथियों ने किया। *- आध्यात्मिकता देती है स्वयं के विश्लेषण पर जोर* इंडिया टुडे इंस्टीट्यूट के डीन एवं डायरेक्टर ध्रुब ज्योति ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज विश्व में शांति और प्रेम का संदेश दे रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें माउंट आबू जाने का अवसर मिला। जहां उन्हें एक नई ऊर्जा का अनुभव हुआ। आज भारत विश्व में एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। जिसमें आध्यात्मिकता की सबसे बड़ी भूमिका है। हम सबके अंदर आध्यात्मिक शक्ति है लेकिन उसे सही मार्ग दर्शन की आवश्यकता है। आध्यात्मिकता हमें स्वयं के विश्लेषण पर जोर देती है। धर्म केवल आस्था का विषय नहीं है बल्कि जीवन को बेहतर ढंग से जीने का तरीका है। ब्रह्माकुमारीज लोगों को एक बेहतर जीवन जीने का संदेश दे रही है। मानव को भयमुक्त बनाने की प्रेरणा दे रही है। भारतीय जनसंपर्क परिषद के चीफ मेंटर एमबी जयराम ने कहा कि यहाँ का आध्यात्मिक वातावरण स्वतः ही एक शक्ति प्रदान कर रहा है। लोग हमें तभी वैल्यू देते हैं जब हम खुद को वैल्यू देते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ न जानना समस्या नहीं है। लेकिन जानते हुए भी उसको न अपनाना सबसे बड़ी समस्या है । ब्रह्माकुमारीज के मीडिया विंग की राष्ट्रीय संयोजक बीके सरला ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि आज मीडिया हर किसी की जिंदगी का एक हिस्सा है। मीडिया समाज के बदलाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मीडिया कर्मी को ईश्वर ने चुना है।कि समाज में सकारात्मकता ला सकें। माउंट आबू से पधारे ब्रह्माकुमारीज के राष्ट्रीय संयोजक बीके शांतनु ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग हम तभी कर सकते हैं जब आध्यात्मिक मूल्यों से संपन्न हों। बीके ख्याति ने संस्था के परिचय के साथ-साथ ओम शांति रिट्रीट सेंटर के बारे में भी जानकारी दी। ओआरसी की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके सुनैना ने सभी को राजयोग का गहन अभ्यास कराया। सभी का पौधों और बैजेज के साथ स्वागत हुआ। नेपाल के कलाकारों ने अपने स्वागत नृत्य के द्वारा सभी का मन मोहा।

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