सरकार शिक्षा से जुड़े मुद्दों के प्रति गंभीर नहीं है - शास्त्री

Khoji NCR
2023-09-22 11:57:00

चरखी दादरी जयवीर सिंह फौगाट, 22 सितम्बर, सरकार बच्चों से शिक्षा का मौलिक अधिकार छीनने का प्रयास कर रही है। चिराग योजना इसी दिशा में बढ़ाया गया कदम है। सरकारी स्कूलों के बच्चों का दाखिला निजी स

कूलों में करवा कर उन्हें मिड डे मील, छात्रवृत्ति, वर्दी, किताबें इत्यादि सुविधाओं से महरूम करना चाहती है। उक्त वाक्य हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला सचिव कृष्ण सिंह शास्त्री ने डाइट बिरही कलां में वोकेशनल ट्रेनिंग पर आए अध्यापकों को संबोधित करते हुए कही। शास्त्री ने कहा कि यमुनानगर में क्रमिक अनशन को 151 दिन हो गए हैं परंतु सरकार की ओर से बातचीत की पहल नहीं की गई। सरकार शिक्षा से जुड़े मुद्दों के प्रति गंभीर नहीं है। शिक्षा ही वह साधन है जिसके द्वारा कोई देश या समाज नए-नए आयामों को छूता है और इसमें सार्वजनिक शिक्षा ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सार्वजनिक शिक्षा के द्वारा ही शिक्षा निचले पायदान पर बैठे व्यक्ति तक पहुंच सकती है। निजी क्षेत्र में दी जाने वाली शिक्षा आम आदमी की पहुंच से बाहर है। सरकारी स्कूलों के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिल करने वाली चिराग योजना को लेकर आना, खाली पड़े पदों पर भर्ती नहीं करना, अव्यवहारिक व निजीकरण को बढ़ावा देने वाली नई शिक्षा नीति लागू करना, मॉडल संस्कृति स्कूलों के नाम पर निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा अधिनियम का उल्लंघन करते हुए बच्चों से फीस वसूलना, पाठ्यक्रम में गैर जरूरी बदलाव करना, शिक्षा को आम आदमी से दूर करने वाली सोच को परिलक्षित करना है। इस अवसर पर खंड बौंद कलां के प्रधान धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार शुरू से ही शिक्षा की अनदेखी करती आई है। चाहे नए स्कूल खोलने की बात हो, शिक्षा का बजट बढ़ाने, ढांचागत सुविधा देने की बात हो या फिर खाली पड़े पदों को भरने की बात हो। वर्तमान सरकार ने शिक्षा का बजट हर बार कम किया है। यदि सरकार जन शिक्षा विरोधी नीतियों को वापिस नहीं लेती है तो हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ अपने आंदोलन को और तेज करेगा। इस अवसर पर प्रदीप कुमार, विनोद, सत्येंद्र फोगाट आदि अध्यापक उपस्थित थे।

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