विवादित ईदगाह मैदान का मामला एक बार फिर सामने आ गया है। बेंगलुरु ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाए जाने को लेकर एक बार फिर यह विवाद सामने आया है। वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट ने गणेश उत्सव आयोजित की अन
ुमति देने का मामला अधिकारियों पर छोड़ दिया है। यह बोला गया कि मैदान राजस्व विभाग का है और वहां गणेश उत्सव मनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। बेंगलुरु, एजेंसी। गणेश उत्सव के मौके पर बेंगलुरु ईदगाह मैदान विवाद एक बार फिर सामने आ गया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने गणेश उत्सव आयोजित की अनुमति देने का मामला अधिकारियों पर छोड़ दिया है। उच्च न्यायालय ने चामराजपेट सिटीजन्स फोरम द्वारा दायर जनहित याचिका पर गौर करते हुए बुधवार को यह आदेश दिया। खंडपीठ ने इस संबंध में चामराजपेट ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मनाने की मांग को कानूनी रूप से सत्यापित करने और निर्णय लेने के लिए लोक अभियोजक को मौखिक रूप से निर्देश दिया है। मंच के वकील श्रीधर प्रभु ने मामले की आपातकालीन सुनवाई की मांग की थी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिला आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा गया था और त्योहार मनाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था। मंच का तर्क है कि चामराजपेट ईदगाह मैदान और खेल का मैदान राजस्व विभाग का है और वहां गणेश उत्सव मनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। सरकार ने गणेश प्रतिमा की स्थापना की इजाजत देने से भी इनकार कर दिया था। विवादित रहा है यह ईदगाह मैदान पिछली बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान बेंगलुरु में ईदगाह मैदान विवाद सबसे ज्यादा सामने आया था। हिंदू संगठनों ने एक विशाल रैली की घोषणा की थी। 12 जुलाई 2022 को बंद का आह्वान किया था और अधिकारियों से मैदान में हिंदू त्योहारों की अनुमति देने का आग्रह किया था। इस संबंध में हिंदू संगठन बेंगलुरु के जंगमा मठ में एक बैठक भी कर चुके हैं। हिंदू कार्यकर्ताओं ने ईदगाह मैदान को खेल के मैदान के रूप में बनाए रखने का संकल्प लिया था और 25 हिंदू संगठनों के साथ-साथ स्थानीय समूहों ने कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ-साथ वक्फ बोर्ड के दावों को चुनौती देने के लिए हाथ मिलाया है कि ईदगाह मैदान उसकी संपत्ति है।
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