पोर्ट ब्लेयर, साल की एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किए गए अंडमान-निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण की एक रिट याचिका पर मंगलवार , 15 नवंबर को सुनवाई की गई। दुष
्कर्म पीड़िता के वकील पथिक दास ने कहा कि मामले को पोर्ट ब्लेयर में कलकत्ता उच्च न्यायालय की सर्किट पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया है। इस मामले में जितेंद्र नारायण को 28 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा दिया गया है। बता दें कि पीड़ित महिला ने नारायण समेत अन्य लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी है। इस नारायण के अलावा पुलिस हिरासत में बंद नौकरशाह को भी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। एसआइटी कर रही मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआइटी) ने इस मामले के सिलसिले में नारायण से तीन बार पूछताछ की है। बता दें कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 21 वर्षीय महिला को सरकारी नौकरी का झांसा देकर मुख्य सचिव के घर ले जाया गया और फिर नारायण सहित शीर्ष अधिकारियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसी मामले में फरार आरोपी संदीप सिंह उर्फ रिंकू को रविवार रात हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि रिंकू एक कारोबारी है और ट्रांजिट रिमांड पर सोमवार को उसे पोर्ट ब्लेयर लाया गया। रिंकू पर रखा गया था इनाम पुलिस ने बताया कि पोर्ट ब्लेयर के इस कारोबारी पर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था। इस मामले में अब तक नारायण और सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि ऋषि अभी फरार है। ऋषि पर भी महिला के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। नारायण दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात हुए और 1 अक्टूबर को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। सरकार ने उन्हें 17 अक्टूबर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पीड़िता का दावा पीड़ित महिला का दावा है कि उसके पिता और सौतेली मां ने उसकी वित्तीय जरूरतों का ध्यान नहीं रखा जिसके कारण उसे नौकरी की जरूरत हुई। पीड़िता का दावा है कि उसे सरकारी नौकरी का झांसा देकर मुख्य सचिव के घर बहला-फुसलाकर घर लाया गया और फिर वहां 14 अप्रैल और 1 मई को दुष्कर्म किया।
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