सोहना/बाबू सिंगला सोहना के निकटवर्ती रायसीना अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अवैध निर्माण कार्य जोरों पर है। लोग खनन करके अवैध रूप से निर्माण में जुटे हुए हैं। जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सव
ालिया निशान लग रहे हैं। हैरत की बात है कि अवैध निर्माणकारी बेख़ौफ़ होकर अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं। जबकि एनजीटी, हाई कोर्ट, नगरपरिषद आदि ने निर्माण कार्यों पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई हुई है। ऐसा होने से सरकार व प्रशासन की पोल खुलने लगी है। जो मात्र लीपापोती करके कार्यवाही की रस्म पूरी करके इतिश्री कर देता है। इसको प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही कहें अथवा आपसी मिलीभगत। जो आज तक भी अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोका नहीं जा सका है। तथा निर्माणकारी बेख़ौफ़ होकर रातोंरात अपने आशियानों का निर्माण करके सरकार व प्रशासन को ठेंगा दिखा रहे हैं। किंतु प्रशासन कुछ भी ठोस कार्यवाही करने में असमर्थ साबित हो रहा है। विदित है कि रायसीना अरावली क्षेत्र में एनजीटी ने किसी भी प्रकार के निर्माण करने पर पाबंदी लगाई हुई है। ताकि पर्यावरण को साफ सुथरा रखा जा सके। किन्तु उक्त क्षेत्र में नामचीन लोगों के करीब 425 फार्म हाउस निर्मित है। जो अधिकांशतः अवैध हैं। ऐसे लोगों में वकील, नेतागण, व्यापारी, उद्योगपति आदि शामिल हैं। जिन्होंने अपने सैर सपाटे व ऐश आराम के लिए फार्मों का निर्माण किया हुआ है। गत दिनों एनजीटी ने ऐसे फार्मों को ध्वस्त करने के लिए वन विभाग व नगरपरिषद को फरमान जारी किए थे। जिन्होंने अवैध फार्मों को चिन्हित करके तोड़फोड़ की खानापूर्ति कर दी थी। परंतु लोग सभी नियमों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण में जुटे हैं। परिषद की कार्यवाही ढुलमुल सोहना नगरपरिषद की कार्यवाही मात्र ढकोसला साबित हो रही है। जो राजनीतिक दवाब के चलते मात्र खानापूर्ति तक सीमित हैं। जिन्होंने आजतक भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं कि है। देखने में आया है कि परिषद विभाग मात्र नोटिस देकर अपना पल्लू झाड़ लेता है। रात में होते हैं अवैध निर्माण अरावली क्षेत्र में रात्रि के समय लोग अवैध निर्माण कार्य करते हैं। जो अवैध खनन करके पत्थरों का उपयोग निर्माण में कर रहे हैं। जबकि खनन व निर्माण दोनों ही अवैध हैं। परंतु फिर भी निर्माण बदस्तूर जारी है। जागरूक लोगों का कहना है कि जब प्रशासन मौके पर पहुंचता है तो आपसी सांठगांठ करके मामले को रफादफा कर दिया जाता है।
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