उमेश गुप्ता सोहना : एक तरफ मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही है, कूड़ा-कचरा और पराली जलाने से रोकने के लिए अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए है और केन
्द्रीय प्रदूषण नियंत्रक नियामक प्राधिकरण, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी प्रदूषण पर काबू पाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है, सख्ती बरती जा रही है, बावजूद इसके सोहना मार्किटकमेटी क्षेत्र में जगह-जगह ना केवल कूड़े के ढेर लगे है बल्कि इन कूड़े के ढेरों का उठाव ना होने तथा लगे कूड़े के ढेरों को बढ़ते देख निगाह बचते ही कूड़ा-कचरा को जलाकर ना केवल वातावरण को प्रदूषित कर प्रदूषण को बढ़ावा दिया जा रहा है बल्कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रक नियामक प्राधिकरण, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिए गए तमाम आदेशों को भी धता बताकर ठेंगा दिखाया जा रहा है। ऐसा ही एक दृश्य हमारे पत्रकार ने बृहस्पतिवार को अपने कैमरे में कैद किया है, जिसमें साफ नजर आ रहा है कि मार्किटकमेटी क्षेत्र में कूड़े के ढेर में आग लगाए जाने से चंहु ओर धुआ ही धुआ होने पर प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है। आसपास रहने वाले लोगों की माने तो यहां पर कूड़े के ढेर लगे होने के बाद भी कई-कई दिनों तक कूड़ा नही उठाया जाता है और फिर एक दिन निगाह बचाकर चुपके से कूड़े के ढेर में आग लगा दी जाती है। कूड़े के ढेर में आग लगने और धुआ ही धुआ होने पर प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है। लोग परेशान हो रहे है। ऐसे में बीमार रोगियों, बुजुर्गों और छोटे बच्चों की जान पर बन आती है। ताज्जुब की बात ये है कि संबंधित विभागों के अधिकारी इस बारे में चुप्पी साधे हुए है। कोई भी अधिकारी कुछ बोलने व मुंह खोलने को तैयार नही है लेकिन देखने में आ रहा है कि मार्किटकमेटी क्षेत्र के साथ-साथ शहर में जगह-जगह कभी भोर सवेरे तो कभी रात के वक्त किसी ना किसी स्थान पर कूड़े-कचरे के ढेरों में आग लगाकर कूड़े-कचरे को जलाने का काम बेरोकटोक जारी है। कूड़ा-कचरा जलने पर उससे उठने वाला धुआं रिहायशी क्षेत्रों में फैल जाता है। जिससे लोग परेशान हो जाते है। शहर में जगह-जगह कूड़ा-कचरा जलाया जा रहा है लेकिन मार्किटकमेटी और नगरपरिषद प्रशासन तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के किसी भी अधिकारी का कोई ध्यान इस तरफ नही जा रहा है। जिससे कूड़ा-कचरा और पराली जलाने से रोकने के लिए अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए है और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रक नियामक प्राधिकरण, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रदूषण पर रोकथाम वाले तमाम दावे सोहना में खोखले भर और कागजी दिखावा नजर आ रहे है।
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