स्वामी दयानंद ने स्त्री जाति अको सम्मान देते हुए वेदमंत्रों का उच्चारण ही नहीं मंदिरों में जाने की अनुमति प्रदान की।

Khoji NCR
2021-01-02 11:24:22

तावडू,(आदर्श गर्ग) : आर्यवेद प्रचार मंडल के तत्वाधान में एवं आर्यवेद प्रचार समिति तावडू के सहयोग से पंच द्विषीय वेद प्रचार समारोह में नगर की पंजाबी धर्मशाला में साधकों को उदबोधित करते हुए आर्

यजगत की अन्र्तराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं वेद विदुषी बहन अंजली आर्या ने महिलाओं के विषय में कहा कि महाॢष स्वामी दयानंद से पूर्व नारी को पैरों की जूति के समान समझा जाता था जिन्हें न तो कोई पूजा व न किसी मंदिर में जाने की अनुमति भी नहीं थी और तो कोई भी महिला गायत्री मंत्र तक का उच्चारण नहीं कर सकती थी लेकिन स्वामी दयानंद ने स्त्री जाति अको सम्मान देते हुए वेदमंत्रों का उच्चारण ही नहीं मंदिरों में जाने की अनुमति प्रदान की। अंजलि आर्या ने कहा कि इस से पूर्व तो स्त्रियों की बहुत ही दयनीय हालत थी लेकिन महर्षि दयानन्द सरस्वती ने ही इन को आजादी दिलाई। आज महिला पुरूषों के साथ कन्धा से कन्धा मिला कर प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणीय है चाहे आकाश में कल्पना चावला हो या राजनीति में प्रतिभा पाटिल ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि हमारे भारतवर्ष की सभ्यता व संस्कृति भी है कि यत्र पूज्यंते नारी तत्र रमयन्ते देवता। उनके साथ ढ़ोलक वादक बृजेश आर्य रहे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरूग्राम के वयोवृद्ध आर्यसमाजी एवं पूर्व मंडल अध्यक्ष पदमचन्द आर्य ने की जिस में मंडल की टीम मानक चन्द आर्य विष्णु आर्य व ढोलक वादक ताराचन्द आर्य ने साथ दिया तथा कार्यक्रम को प्रधान आदर्श गर्ग उप प्रधान राजेन्द्र मित्तल उप प्रधान अशोक मदान मंत्री रमेश गर्ग उपमंत्री रिंकू आर्य उपमंत्री सुमित आर्य व कोषाध्यक्ष भारतभूषण मदान ने विशेष सहयोग दिया।

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