साल 2022 का आखिरी चंद्रग्रहण शुरू चंद्रग्रहण से पहले सूतक काल जारी भारत में सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश में दिखाई देगा ग्रहण साल का आखिरी चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) शुरू हो गया है। सूतक काल जारी है। यह ग्
हण भारत में भी दिखाई देगा। भारत में सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में ग्रहण दिखाई देगा। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो भारत में दिखाई देने के कारण सूतक काल भी मान्य होगा। इस ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। भारत के कुछ जगहों में पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा, जबकि अधिकांश शहरों में आंशिक ग्रहण दिखाई देगा। यह ग्रहण मेष राशि पर लग रहा है। इसलिए इस राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है। वर्ष 2022 के दूसरे और आखिरी चंद्रग्रहण की शुरुआत दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से हो गई है। भारत की बात करें तो यहां ग्रहण 4 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा। वर्ष 2022 के दूसरे और आखिरी चंद्रग्रहण की शुरुआत दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से हो गई है। भारत की बात करें तो यहां ग्रहण 4 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा। चंद्रग्रहण दोपहर दो बजकर 39 मिनट से शुरू हो गया है। यह शाम 6 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में पूर्ण चंद्रग्रहण तो अन्य हिस्सों में आंशिक ग्रहण दिखाई देगा। एक साल में अधिकतम पांच ग्रहण लग सकते हैं। वर्ष 2022 का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण शुरू हो गया है। आज दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर ग्रहण शुरू हुआ है। इससे पहले, 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण पड़ा था। चंद्रग्रहण भारतीय समयानुसार दिन में दो बजकर 39 मिनट पर शुरू होगा। ग्रहण का मध्य चार बजकर 29 मिनट और मोक्ष शाम को 6 बजकर 19 मिनट पर होगा। बिहार में भी साल का आखिरी चंद्रग्रहण दिखाई देगा। हालांकि, यहां लोगा आंशिक ग्रहण ही देख सकेंगे। इससे पहले, 25 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्यग्रहण पड़ा था। साल 2022 का आखिरी चंद्रग्रहण आज है। भारत के कुछ हिस्सों में पूर्ण तो कुछ हिस्सों में आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देगा। ग्रहण के बाद लोगों को गंगा में स्नान करना चाहिए। घर में गंगाजल से छिड़काव करना चाहिए। आप पानी में गंगाजल डालकर भी नहा सकते हैं। वर्ष 2022 का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण आज लगेगा। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इससे होने वाले बच्चों को नुकसान पहुंच सकता है। चंद्रग्रहण के दौरान किसी नये कार्य का शुभारंभ न करें, भोजन न बनाएं और खाना न खाएं। देवी-देवताओं की मूर्ति और तुलसी के पौधे को भी न छुएं। बालों में कंघी करना भी वर्जित है।
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