नई दिल्ली, नवरात्र का त्योहार देश के ज़्यादातर हिस्सों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। 9 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार की वजह से हमारे आसपास एक पॉज़िटिव एनर्जी रहती है। खासतौर पर दो साल बाद द
श में इस त्योहार को पूरे जोश से मनाया जा रहा है। त्योहार अपने साथ खुशी और उत्साह लाते हैं। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि त्योहार हमारे मानसिक स्वास्थ पर सकारात्मक असर डालते हैं। यह एक ऐसा समय होता है जब लोग चिंताओं और परेशानियों को भूल त्योहार के रंग में रंग जाते हैं। गरबा नाइट्स से लेकर दुर्गा पूजा पंडाल जाने जैसी कई एक्टिविटीज़ हैं जिनमें आप हिस्सा ले सकते हैं। स्वादिष्ट खाना, करीबी लोगों के साथ वक्त बिताना और फेस्टिव वाइब हम सभी को दिल से खुश कर देते हैं। मानसिक समस्याओं को ऐसे दूर करते हैं त्योहार तनाव होता है दूर त्योहारों के दौरान घर को सजाना, जश्न की तैयारी करना साथ ही खुद की स्किन का ख्याल रखना, नए-नए कपड़े पहनना, इन सभी एक्टिविटीज़ का असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। भले ही हम इन सब कामों को कर थक जाते हैं, लेकिन इनसे दिमाग और शरीर को सुकून मिलता है। तनाव पैदा करने वाले हार्मोन का स्तर कम होता चला जाता है। जब आप त्योहार मनाते हैं, लोगों से मिलते हैं, तो आपकी दिल की धड़कने भी सही चलती हैं और बेचैनी दूर होती है। आर्ट थैरेपी की तरह हैं त्योहार अगर आप त्योहारों में पूरी तरह से हिस्सा लेते हैं, तो आप देखेंगे कि ये किस तरह एक थैरेपी की तरह काम करते हैं। घर को सजाने के साथ खुद को सजाना एक तरह की थैरेपी की तरह ही होता है। इससे अवसाद में आराम पहुंचता है और आप दिल से खुशी महसूस करते हैं। शोध से पता चलता है कि मेकअप या घर की सजावट बेचैनी को दूर करते हैं। इससे आपके दिमाग में स्ट्रेस कम होता है र नकारात्मक ख्याल नहीं आते। आत्मविश्वास बढ़ता है जब आप अच्छे से तैयार होते हैं और खासतौर पर मेकअप करते हैं, तो इससे सुरक्षित और ताकत की भावना आती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस इवेंट का हिस्सा बन रहे हैं, मेकअप और अच्छे कपड़े आपका आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करते हैं। ऑक्सीटोसिन हार्मोन सजने-सवरने से हमारे शरीर में आक्सीटोसिन नाम का हार्मोन रिलीज़ होता है। इसे कडल हार्मोन भी कहा जाता है, जिससे भावनाएं पॉज़ीटिव होती हैं, साथ ही विकास और उपचार में सहायता मिलती है।
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