बाढ़ से सिंध का बुरा हाल, पानी उतरने में लगेंगे 6 माह, सूबे के सीएम कहा- पीडि़तों के लिए दवाओं और टैंटों की है कमी

Khoji NCR
2022-09-11 11:28:42

इस्‍लामाबाद । पाकिस्‍तान बाढ़ से अब तक 1396 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा करीब 13 हजार लोग घायल भी हुए हैं। अकेले सिंध में ही बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा 578 तक जा पहुंचा है। ये वो सरकारी इसके अ

ावा 8321 लोग घायल भी हुए हैं। आंकड़ा है जो सिंध के मुख्‍यमंत्री ने पत्रकारों को मुहैया करवाया है। इतना ही नहीं उनके बयानों में यहां पर आई बाढ़ की भयावहता और प्रांत की बदहाली भी साफतौर पर दिखाई दे रही है। उन्‍होंने बताया है कि प्रांत में आई बाढ़ का पानी उतरने में भी करीब 6 माह का समय लग जाएगा। तब तक लोग क्‍या करेंगे और उस वक्‍त तक बीमाारियों का यहां पर क्‍या आलम होगा इस बारे में सोच कर भी रौंगटे खड़े हो सकते हैं। सीएम मुराद अली शाह ने जो आंकड़ा पेश किया है वो जून से लेकर सितंबर तक का है। उनके मुताबिक करीब 3 करोड़ लोग बेघर हुए हैं। यूएन चीफ ने किया था हवाई दौरा पिछले दिनों यूएन प्रमुख एंतोनियो गुतरेस ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया था। इस दौरे में उनके साथ देश के पीएम शहबाज शरीफ भी थे। इस दौरे के बाद उन्‍होंने पूरी दुनिया से पाकिस्‍तान की मदद के लिए आगे आने की अपील की थी। उन्‍होंने कहा था कि पाकिस्‍तान का बाढ़ से हाल बेहाल है। इसलिए सभी देशों को आगे आने की जयरत है। बता दें कि बलूचिस्‍तान और सिंध दोनों ही देश में बाढ़ प्रभावित इलाकों से सबसे ऊपर हैं। यहां का अधिकतर इलाका जलमग्‍न है। लाखों हैक्‍टेयर की कृषि योग्‍य भूमि के जलमग्‍न होने की वजह से यहां पर खाने-पीने की चीजों की भी कमी महसूस की जा रही है। अरबों रुपये का हो चुका है नुकसान सिंध प्रांत के सीएम का कहना है कि उनके प्रांत में बाढ़ से करीब 3.5 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। हजारों जानवरों की भी इस बाढ़ में मौत हुई है। उनके मुताबिक कुछ इलाकों में पानी 10 फीट तक भरा हुआ है। यहां पर लोगों की वापसी की फिलहाल कोई उम्‍मीद भी नहीं है। बता दें कि पाकिस्‍तान में इस बार 10 गुना अधिक बारिश हुई है। सीएम का कहना है कि सरकार लगातार बाढ़ पीडि़तों को मदद पहुंचाने का काम कर रही है। पानी निकालने का काम भी युद्ध स्‍तर पर किया जा रहा है। लेकिन ये काम इतना आसान नहीं है। प्रभावित इलाकों से पानी उतरने में करीब 6 माह का समय लग जाएगा। उन्‍होंने ये भी कहा कि प्रांत में टैंटों और दवाओं की भी कमी हो रही है।

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