नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में पशुपालन एक बड़े वर्ग की आमदनी का जरिया है लेकिन लंपी नाम की संक्रामक बीमारी ने उस पर ग्रहण लगाने का काम किया है। राजस्थान और उसके आस पास के इलाकों में कहर बरपान
वाली यह बीमारी अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दस्तक दे चुकी है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि दिल्ली में इस बीमारी के 173 मामले पाए गए हैं। हालांकि अब तक किसी मवेशी की मौत की सूचना नहीं है। देश के बाकी राज्यों की क्या है स्थिति, कैसे करें इस बीमारी से बचाव, क्या है विशेषज्ञों की राय... जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट... दिल्ली सरकार खरीदेगी 60 हजार खुराक दिल्ली सरकार ने आइसोलेशन वार्ड बनाने के साथ एक हेल्पलाइन नंबर 8287848586 भी जारी किया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार मवेशियों को वैक्सीन लगाने के लिए गोट पाक्स (Goat Pox) के टीके की 60 हजार खुराक खरीदेगी। गोट पाक्स वैक्सीन लगाई जाएगी दिल्ली में पशुपालकों को ये टीके नि:शुल्क दिए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार वलयाकार टीकाकरण रणनीति का इस्तेमाल करेगी जिसके तहत पांच किलोमीटर के दायरे में स्वस्थ मवेशियों को गोट पाक्स वैक्सीन लगाई जाएगी। टीकाकरण अभियान तेज करने के निर्देश केंद्र सरकार ने लंपी बीमारी की गंभीरता को देखते हुए राज्यों से मवेशियों का टीकाकरण अभियान तेज करने को कहा है। छह-सात राज्यों में इसका ज्यादा असर है। केंद्र सरकार के मुताबिक, यह बीमारी गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में फैल चुकी है। 57 हजार से ज्यादा मवेशियों की मौत इस बीमारी से देशभर में 57 हजार से ज्यादा मवेशियों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान और गुजरात में बड़ी संख्या में हुई मवेशियों की मौतों के पीछे उनके खराब स्वास्थ्य एक वजह हो सकती है। मध्य प्रदेश के 10 जिलों में 2,100 से अधिक मवेशी इस रोग से संक्रमित पाए गए है। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रभावित हिस्सों में गोजातीय पशुओं के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है। राजस्थान सबसे ज्यादा शिकार केंद्र सरकार ने केंद्रीय स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है जिससे राज्यों को हर संभव सलाह और मदद पहुंचाई जा रही है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान इस बीमारी से सबसे प्रभावित हुआ है। इस बीमारी से सर्वाधिक 37 हजार पशु राजस्थान में मारे गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से बीमारी के बारे में राज्यों को लगातार एडवाइजरी भेजी जा रही है। ये हैं लक्षण हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से लंपी बीमारी को महामारी घोषित करने का आग्रह किया है। इस बीमारी के लक्षणों में तेज बुखार, दूध उत्पादन में कमी, त्वचा पर गांठें, भूख न लगना, नाक से पानी निकलना और आंखों से आंसू आना आदि शामिल हैं। ऐसे करें बचाव विशेषज्ञों का कहना है कि बीमारी से बचाने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि संक्रमित पशु को अलग रखें। तबेले यानी पशुशाला की साफ सफाई रखें। मच्छरों को भगाने के लिए छिड़काव और धुवां करें। संक्रमण से बचाव के लिए पशु को गोट पॉक्स वैक्सीन लगवाएं। बीमार पशुओं को डाक्टरों की सलाह पर दवाएं दें। गोट पॉक्स वैक्सीन है कारगर विशेषज्ञों की मानें तो अब तक लंपी वायरस का एंटीडोज तैयार नहीं हुआ है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में पशुओं की मौत हो रही है। फिलहाल तेजी से फैल रही इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए विशेषज्ञों की ओर से गोट पाक्स वैक्सीन लगाने की सलाह दी गई है। देखा गया है कि गोट पॉक्स वैक्सीन इस बीमारी से लड़ने में काफी कारगर साबित हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस से आम तौर पर मवेशियों की मृत्यु दर सिर्फ एक से दो प्रतिशत है।
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