सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का अनिश्चितकालीन आंदोलन पहुंचा 17वे दिन

Khoji NCR
2022-09-11 11:07:48

हथीन/माथुर : हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन रजिस्टर नंबर 41 संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का अनिश्चितकालीन आंदोलन जो कि अतिरिक्त मुख्य सचिव सिंचाई, जन स्वास्थ्

एवं लोक निर्माण विभाग के खिलाफ चला हुआ है, वह आज 17वें दिन में प्रवेश कर चुका है। आज के आंदोलन की अध्यक्षता प्रांतीय सह सचिव कृष्ण कुमार रूलहानिया ने की और संचालन प्रांतीय प्रैस सचिव योगेश शर्मा ने किया। आज के धरने को संबोधित करते हुए प्रांतीय मुख्य संगठनकर्ता गंगाराम मौन, प्रांतीय संगठन सचिव सुभाष बैजलपुरिया और सदस्य कमल सैनी, कृष्ण कुमार चमारखेड़ा ने बताया कि हमारी अतिरिक्त सचिव कार्यालय पर लंबे समय से हमारी मांगे लंबित है बार-बार पत्राचार के बावजूद संगठन से बातचीत भी नहीं की जा रही जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है और इसे देखते हुए अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जा रहा है। प्रान्तीय मुख्य संगठनकर्ता गंगाराम मौन ने बताया कि 9 नवंबर 2021 को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ संगठन की वार्ता में मुख्यमंत्री द्वारा संगठन को आश्वस्त किया गया था कि तीनों विभागों लोक निर्माण भवन व मार्ग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी तथा सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से संगठन की कर्मचारियों की मांगों के समाधान करवाने के लिए वार्ता आयोजित की जाएगी। परंतु मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद तथा बार-बार संगठन द्वारा पत्राचार करने के उपरांत तीनों अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा कर्मचारियों की मांगों व समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। इसलिए संगठन ने बाध्य होकर पंचकूला में अनिश्चितकालीन आंदोलन आयोजित करना पड़ा। उन्होंने सरकार को यह चेताया कि शीघ्र ही यदि संगठन को वार्ता के लिए आमंत्रित नहीं किया जाता तो संगठन आंदोलन को और तीखा करने से पीछे नहीं हटेगा। मुख्य मांगों में कौशल रोजगार विभाग बंद किया जाए तथा टर्म अप्वाइंटी कर्मचारियों समेत सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए, जब तक पक्के नहीं होते तब तक समान काम समान वेतन दिया जाए, 60 वर्ष की सेवा गारंटी दी जाए, पंचायती ट्यूबल ऑपरेटर को ईएसआई इपीएफ की सुविधा दी जाए एवं मूल विभाग जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में मर्ज किया जाए, जन स्वास्थ्य विभाग की जलमल की सेवाएं नगरपालिका व पंचायतों को हैंड ओवर करना बंद किया जाए और हस्तांतरित की गई स्कीमों को वापस किया जाए, मेट व गेज रीडर को तृतीय श्रेणी में करने, कैनाल गाडो को तृतीय श्रेणी में शामिल करने व मैट्रिक+आईटीआई पास कर्मचारियों को 2400 का ग्रेड पे व लोक निर्माण विभाग की प्रयोगशाला तथा मैकेनिकल वर्कशॉप को पुनर्जीवित करें जाए तथा LTC का बजट जारी करवाया जाए। प्रांतीय सह सचिव संदीप पुनिया व ऋषिकेश ढांडा ने बताया कि वित्त विभाग द्वारा बजट तो जारी कर दिया जाता है, परंतु उसके ऊपर वित्त विभाग द्वारा कैप लगा दी जाती है। जिससे कर्मचारियों के देय भुगतान समय पर नहीं हो पाता। लोक निर्माण व भवन विभाग के कच्चे कर्मचारियों के 6 महीने से अधिक वेतन का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है, इसी प्रकार जन स्वास्थ्य विभाग में भी लगभग 1 वर्ष तक के वेतन बिल वित्त विभाग में लंबित है। संगठन वित्त विभाग की इस कार्यप्रणाली जो कि मुख्यमंत्री के पास है की घोर निन्दा करता है। मुख्यमंत्री अपने संबोधन में तो बार-बार कच्चे कर्मचारियों का वेतन हर महीने की 7 तारीख से पहले देने की घोषणा करते रहते हैं, परंतु वास्तविकता इसके बिल्कुल परे और भयंकर है। संगठन यह मांग करता है की फाइनेंस डिपार्टमेंट से सभी पेंडिंग बिल और अन्य केसों का अति शीघ्र समाधान किया जाए।

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