नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को संबोधित किया। वर्चुअली संबोधन में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय वाणिज्य दूतावास इस महीने व्लादिवोस्तोक म
ें अपनी स्थापना के 30 साल पूरे करेगा। इस शहर में वाणिज्य दूतावास खोलने वाला भारत पहला देश था। उन्होंने कहा कि Russian Far East नीति भारत और रूस की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की एक प्रमुख स्तम्भ बन गई है। कार्यक्रम में बोलेत हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2019 में मुझे इस फोरम में हिस्सा लेने का मौका मिला था। उस समय हमने भारत की 'Act Far-East' नीति की घोषणा की थी। परिणामस्वरूप Russian Far East के साथ विभिन्न क्षेत्रों में भारत का सहयोग बढ़ा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत आर्कटिक विषयों पर रूस के साथ अपनी भागीदारी को मजबूत करने के लिए इच्छुक है। ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। उर्जा के साथ-साथ, भारत ने फार्मा और डायमंड्स के क्षेत्रों में भी Russian Far East में महत्वपूर्ण निवेश किए हैं। मोदी ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत से ही हमने डिप्लोमेसी और डॉयलॉग का मार्ग अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। हम इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए सभी शांतिपूर्ण प्रयासों का समर्थन करते है। कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज के समय में दुनिया के किसी एक हिस्से की घटनाएं पूरे विश्व पर प्रभाव पैदा करती हैं। यूक्रेन संघर्ष और कोरोना महामारी से ग्लोबल सप्लाई चेन्स पर बड़ा असर पड़ा है। खाद्यान्न, उर्वरक, और ईंधन की कमी विकासशील देशों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय हैं।
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