नई दिल्ली, बॉक्स ऑफिस पर कई महीनों से हिंदी फिल्मों का हाल बेहाल है। आमिर खान से लेकर रणबीर कपूर तक कई सुपरस्टार्स की फिल्में पिट चुकी हैं। अक्षय कुमार तो इस साल तीन फ्लॉप फिल्मों की हैट्रिक ल
ा चुके हैं। हिंदी फिल्मों के लगातार फ्लॉप होने के पीछे की वजह ज्यादातर लोग सोशल मीडिया पर चल रहे बायकॉट ट्रेंड को मान रहे हैं, लेकिन एक्टर और फिल्ममेकर राकेश रोशन इसके पीछे की वजह कुछ और बता रहे हैं। उनका मानना है कि बॉलीवुड में लोग फिल्में दर्शकों के लिए नहीं अपने दोस्तों के लिए बना रहे हैं। कहो न प्यार है और कृष जैसी फिल्में बना चुके राकेश रोशन मंगलवार को अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। राकेश रोशन के अनुसार फिल्मों के लगातार फ्लॉप होने की एक बड़ी वजह अच्छे गानों का न होना भी है। उन्होंने कहा हमें पुष्पा और आरआरआर से सीखने की जरूरत है। इन फिल्मों के गाने आते ही फेमस हो गए थे। बॉलीवुड हंगामा को दिए इंटरव्यू में फिल्ममेकर ने कहा, 'हिंदी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर काम नहीं कर रही हैं क्योंकि लोग ऐसी फिल्में बना रहे हैं जिन्हें वे और उनके दोस्त देखना पसंद करते हैं। वे ऐसे विषय चुन रहे हैं जो दर्शकों के बहुत छोटे वर्ग को पसंद आते हैं। दर्शकों का एक बड़ा हिस्सा इससे कनेक्ट नहीं हो सकता।' उन्होंने आगे कहा, 'एक और बड़ी समस्या यह है कि फिल्मों से गाने बाहर जा रहे हैं। पहले एक फिल्म में 6 गानें हुआ करते थे। इन गानों से एक्टर्स को सुपरस्टार बनने में मदद मिलती थी। फिलहाल सुपरस्टार बनना बहुत मुश्किल हो गया है। अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना के गाने आप देखिए, उनके गाने फिल्म का बेहद अहम हिस्सा हुआ करते थे और उन्होंने फिल्म को सुपर-डुपर हिट बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। उदाहरण के लिए पुष्पा या आरआरआर को लें। हर गाना एक क्रेज बन गया। इसलिए हमें उनकी सफलता से सीख लेनी चाहिए।' उन्होंने आगे कहा, 'एक और बड़ी समस्या यह है कि फिल्मों से गाने बाहर जा रहे हैं। पहले एक फिल्म में 6 गानें हुआ करते थे। इन गानों से एक्टर्स को सुपरस्टार बनने में मदद मिलती थी। फिलहाल सुपरस्टार बनना बहुत मुश्किल हो गया है। अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना के गाने आप देखिए, उनके गाने फिल्म का बेहद अहम हिस्सा हुआ करते थे और उन्होंने फिल्म को सुपर-डुपर हिट बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। उदाहरण के लिए पुष्पा या आरआरआर को लें। हर गाना एक क्रेज बन गया। इसलिए हमें उनकी सफलता से सीख लेनी चाहिए।'
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