नई दिल्ली, पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश की नौसेना को पहला स्वदेशी युद्धपोत आइएनएस विक्रांत सौंपा। प्रधानमंत्री ने कोच्चि में एक कार्यक्रम में नौसेना के ध्वज के नए निशान का भी अनावरण किया। पी
एम ने इसके साथ आइएनएस विक्रांत की खूबिया भी गिनाईं और इसे भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार बताई। बता दें कि इस युद्धपोत पर कई तरह के जंगी जहाज तैनात किए जा सकते हैं। आइए जानें कौन-कौन से जंगी जहाज इसपर तैनात किए जाएंगे। INS विक्रांत पर 30 एयरक्राफ्ट होंगे तैनात आइएनएस विक्रांत पर 30 एयरक्राफ्ट तैनात किए जाएंगे। इनमें 20 लड़ाकू विमान होंगे और 10 हेलीकाप्टर होंगे। अभी विक्रांत पर Mig-29K (ब्लैक पैंथर) फाइटर जेट तैनात होंगे। अब नौसेना डीआरडीओ और एचएएल द्वारा तैयार किए जा रहा टीईडीबीएफ यानी डबल इंजन डेक बेस्ड फाइटर जेट तैनात कर सकता है। फिलहाल अभी इसमें कुछ देर लग सकती है, क्योंकि टीईडीबीएफ के पूरी तरह से तैयार होने में कुछ साल लग सकते हैं। इस बीच अमेरिका का F-18A सुपर होरनेट या फिर फ्रांस का राफेल तैनात किया जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल भी हो सकती है तैनात दुश्मनों को मात देने के लिए इसपर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की जा सकती है। यह एक मिडियम रेंज मिसाइल है, जिसे सबमरीन या जहाज, धरती या कैरियर से लांच किया जा सकता है। बता दें कि फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि कौन-सा लड़ाकू विमान तैनात किया जाएगा। INS विक्रांत की खासियत INS विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर समुद्र के ऊपर तैरता एक एयरफोर्स स्टेशन है। इसपर फाइटर जेट्स, मिसाइलें, ड्रोन तैनात किए जा सकते हैं। आइएनएस विक्रांत से 32 बराक-8 मिसाइलें भी दागी जा सकती हैं। 262 मीटर लंबे वाहक का वजन लगभग 45,000 टन है, जो कि अपने पूर्ववर्ती की तुलना में बहुत बड़ा और अधिक उन्नत है। छोटे शहर बराबर है विक्रांत नौसेना के बेड़े में शामिल हुआ देश का पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत समुद्र में तैरता छोटा शहर जैसा है। लगभग दो फुटबॉल मैदान के बराबर इस युद्धपोत में लगभग 2,200 कंपार्टमेंट हैं, जिन्हें चालक दल के लगभग 1,600 सदस्यों के लिए डिजाइन किया गया है। विमानवाहक में नवीनतम चिकित्सा उपकरण सुविधाओं के साथ 16 बेड का अत्याधुनिक मेडिकल कॉम्प्लेक्स भी है।
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