पायलटों की हड़ताल के चलते यूरोप की सबसे बड़ी एयरलाइंस के विमान फिर जमीन पर खड़े

Khoji NCR
2022-09-01 11:07:57

बर्लिन । लुफ्थांसा एयरलाइंस के पायलटों की हड़ताल के चलते जर्मनी में कई जगहों की उड़ानों को रद करना पड़ा है। इनमें फ्रेंकफर्ट और म्‍यूनिख विशेष हैं। एयरलाइंस के पायलट कई महीनों से सैलरी में इ

जाफे की मांग कर रहे हैं। पिछले करीब चार महीनों से विभिन्‍न कारणों से यूरोप की एयरलाइंस के कर्मी हड़ताल पर गए हैं। इनमें से अधिकतर की मांगों में सैलरी को बढ़ाना शामिल रहा है। यूरोप में इस वजह से कई फ्लाइट्स भी प्रभावित हुई हैं। ये हड़ताल ऐसे समय में हुई हैं जब यूरोप में टूरिस्‍ट सीजन पीक पर होता है। लुफ्थांसा के विमानों की उड़ान प्रभावित होने से यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था प्रभावित हो सकती है। पहले ही इस पर रूस की गैस की मार पड़ रही है। लुफ्थांसा एयरलाइंस के पायलटों की हड़ताल के चलते करीब 1.30 लाख यात्रियों को असुविधा हो रही है। इस हड़ताल ने करीब 800 उड़ानों को प्रभावित किया है। फ्रेंकफर्ट जाने वाली उडज्ञ़ानों में इसकी वजह से 4 फीसद की कमी आई है। पायलटों के संगठन और मैनेजमेंट के बीच पहले मांगों को लेकर बातचीत हुई थी। लेकिन इसमें कोई नतीजा न निकलने की वजह से पायलट एक दिन की हड़ताल पर चले गए। पायलटों के इस फैसले पर मैनेजमेंट ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसको गलत फैसला बताया है। एयरलाइंस की तरफ से कहा गया है कि वो इस हड़ताल की वजह नहीं समझ पा रहे हैं। मैनेजमेंट ने पायलटों की मांग को मानते हुए सैलरी में 40 फीसद इजाफा करने की बात को मान लिया था। इसके बाद भी ये फैसला लेना कोई समझदारी नहीं है। कुछ ही माह के दौरान ये दूसरा मौका है जब यूरोप की सबसे बड़ी एयरलाइंस के विमान जमीन पर खड़े होने को मजबूर हो गए हैं। इसकी वजह से एयरलाइंस की उड़ानों पर पूरी तरह से रोक लग गइ्र है। पिछली बार एयरलाइंस कर्मी जुलाई में हड़ताल पर चले गए थे। उस वक्‍त भी उनकी सैलरी बढ़ाने को लेकर मांग थी। इसकी वजह 1 हजार उड़ानें प्रभावित हुई थी। गौरतलब है कि पहले से ही एयरलाइंस और एयरपोर्ट स्‍टाफ की कमी की वजह से हालात खराब हैं। ऐसे में एयलाइंस की हड़ताल ने सरकार और मैनेजमेंट की परेशानी को बढ़ाने का काम किया है। एयरलाइंस पर सबसे बड़ी मार कोरोना महामारी के दौरान पड़ी है। इस दौरान काम पूरी तरह से ठप था। लुफ्थांसा की तरफ से कहा गया है कि वो हड़ताली पायलटों से मेज पर आकर बात करना चाहती है। काम बंद करने से बेहतर है कि हम आपस में किसी बिंदु को लेकर बात करें।

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