सोहना/बाबू सिंगला सोहना कस्बे के बाजारों में सार्वजनिक सरकारी भूमि पर फडों को किराए पर दिए जाने का गोरखधंधा जोरों पर है। दुकानदार अवैध रूप से हजारों रुपये महीने कमाने में लगे हैं। जिससे बाज
रों में अतिक्रमण को बढ़ावा मिल रहा है तथा जाम की स्थिति बन रही है। वहीं नगरपरिषद प्रशासन ने आजतक भी कोई कार्यवाही नहीं की है। जिससे नागरिकों में भारी रोष व गुस्सा पनप रहा है। नागरिकों ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने को कहा है। सोहना शिव नगरी में अतिक्रमण के चलते बाजार सिकुड़ने लगे हैं। दुकानदार सरकारी भूमि को किराए पर देने लगे हैं। तथा उक्त भूमि पर अतिक्रमणकारी सामान बेचते हैं। जबकि भूमि सरकारी है। जिसको किराए पर देना कानूनी अपराध है। कस्बे के बस स्टैंड मार्ग, बिजली बोर्ड मार्ग, मोती प्लाजा मार्ग आदि स्थानों पर सबसे ज्यादा दुकानदारों ने अपनी दुकानों के आगे फड़ किराए पर दिए हुए हैं। ऐसे दुकानदार हजारों रुपये माहवार किराया वसूलते हैं। नगरपरिषद प्रशासन सब कुछ देखकर भी अनदेखा कर रहा है। सरकारी भूमि को अवैध तरीके से किराए पर दिए जाने से बाजार संकरे होने लगे हैं। जहां से राहगीर पैदल भी नहीं निकल सकता है। इसके अलावा बाजारों में सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति रहती है। क्या कहते हैं जागरूक नागरिक कस्बे के जागरूक नागरिक कहते हैं कि सरकारी भूमि को किराए पर देना गलत है। इससे लोगों में विवाद पनपने लगा है। बाजारों में सरकारी भूमि पर फडों के किराए पर देने से हर समय जाम लगा रहता है। जिससे आम आदमी निकल नहीं सकता है। जिसपर अंकुश लगना चाहिए। उक्त कार्य दुकानदार कर रहे हैं। जो लालच में सरकारी भूमि को किराए पर देते हैं। जिनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। सरकारी भूमि का उपयोग करने का अधिकार सबका होता है। परंतु चन्द लोगों ने भूमि को किराए पर देकर निजी कब्जा जमा लिया है। नगरपरिषद का रवैया ढुलमुल है। जिसके संज्ञान में सब कुछ है। परंतु विभाग ने आजतकभी कोई कार्यवाही नहीं की है। फडों को किराए पर देने से अतिक्रमण को बढ़ावा मिल रहा है। जिसके लिए नगरपरिषद को गंभीर होकर सरकारी फडों की भूमि को खाली कराना चाहिए।
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