नई दिल्ली/नोएडा, । 11 साल की लंबी लड़ाई के बाद भ्रष्टाचार के प्रतीक सुपरटेक एमरॉल्ड सोसायटी के एपेक्स और सियान टावर गिर गए। रविवार को दोपहर 2 बजकर 30 मिनट ब्लास्ट के साथ दोनों टावर जमींदोज हो गए।
ुतुबमीनार से भी ऊंचे दोनों टावरों का वजूद समाप्त हो गया। मौके पर मौजूद जागरण के वरिष्ठ छायाकार सौरभ राय के मुताबिक, नोएडा सेक्टर 93 ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट में बने दोनों टावर एपेक्स और सियान को रविवार दोपहर 2:30 बजे ध्वस्त कर दिया गया। इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता ने ब्लास्ट रिमोट का बटन दबाकर धमाका किया और चंद सेकेंड बाद ही दोनों इमारतें राख में तब्दील हो गईं। नोएडा सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक के दोनों टावरों सियान और एपेक्स को ढहाने की उलटी गिनती के बीच रविवार सुबह से 7 बजे से पहले ही एमरॉल्ड और एटीएस सोसायटी के लोगों ने अपने-अपने फ्लैट छोड़ दिए। अब दोनों सोसायटी के सभी निवासी शाम 7 बजे के बाद अपने फ्लैटों में प्रवेश कर पाएंगे। नोएडा सेक्टर 93 स्थित एपेक्स व सियान के बाहर शनिवार शाम से ही सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस तैनात है। एडफिस के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। शनिवार को दिनभर लोग एपेक्स और सियान के बाहर फोटो और सेल्फी लेते नजर आए। यह सिलसिला रविवार सुबह फिर शुरू हो गया और कुछ घंटे तक जारी रहे। मार्निंग वाक करने वाले लोग भी एपेक्स व सियान टावर के साथ अपनी फोटो खिंचवाते नजर आए। रविवार सुबह 7 बजे से पहले ही रवि कुमार और मेघा बेटे तनिष्क सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसायटी से निकलकर ग़ाज़ियाबाद अपने रिश्तेदार के यहां चले गए। वह अब शाम 7 बजे के बाद ही लौटेंगे। करीब 11 वर्ष की लड़ाई के बाद एपेक्स व सियान टावर ध्वस्त हुए। इसके पीछे की यात्रा कितनी कठिन है, कल्पना करना भी मुश्किल है। सोसायटी के लोगों ने वर्ष 2006 में जो मास्टर प्लान देखा उसके मुताबिक यह सोसायटी नोएडा की सबसे सुविधा युक्त सोसायटी थी, हालांकि जब फ्लैट पर कब्जा मिला तो धीरे- धीरे प्राधिकरण व बिल्डर के गठजोड़ की परत खुलती चली गई। इस दौरान संघर्ष करने वाले लोगों की टीम को कभी प्रलोभन मिले तो कभी राजनीतिक व प्रशासन के साथ बिल्डर का दबाव पड़ा। हालांकी दृढ़ निश्चय के चलते पूरी टीम ने वह कर दिखाया,जिसके बारे में पूरे देश व विश्व में चर्चा हो रही है।
Comments