सोहना में नववर्ष के पहले दिन छाया घना कोहरा-पड़ रही कड़ाके की तेज ठंड

Khoji NCR
2021-01-01 10:29:12

कोहरे की सफेद चादर से ढका सोहना-जनजीवन प्रभावित-दिन भर ठंड से ठिठुरे लोग-लोग अलाव जलाकर कर रहे है ठंड से अपना बचाव-घने कोहरे से सरसो को नुकसान-गेहूं को लाभ-कोहरे के कारण सरसो की फसल में लग सकता ह

चेपा सोहना,(उमेश गुप्ता): नववर्ष के पहले दिन शुक्रवार को घना कोहरा छाया रहा। जिससे ठंड बढ़ गई। बीते वर्ष के आखिरी दिन वाली रात और नववर्ष के पहले दिन छाए घने कोहरे और पड़ रही तेज ठंड से लोग ठिठुर रहे है। नववर्ष के पहले दिन शुक्रवार को सोहना और आसपास क्षेत्र में इतना गहरा कोहरा छाया कि सुबह उठने पर लोगों ने आसपास सभी स्थानों को कोहरे की सफेद चादर से ढका पाया। घने कोहरे और तेज धुंध से आम जनजीवन और भी प्रभावित हो गया है। घने कोहरे का असर यातायात पर पड़ा है। दिन के वक्त भी वाहन चालक वाहनों की अगली, पिछली लाइट जलाकर रेंग-रेंगकर सडक़ पर चलने को मजबूर है। यहां पर बीती रात से एकाएक बढ़ी ठंड ने जनजीवन बुरी तरह प्रभावित किया है। ऐसे में ठंड के तेवर और ज्यादा तेज हो जाने से किसी भी उम्र के लोगों के लिए घरों से बाहर निकलना आसान नही रह गया है। लोग घने कोहरे, तेज धुंध और चल रही सर्द हवाओं से बचने के लिए ओढऩे पहनने के साथ अलाव जलाकर ठंड से बचाव कर रहे है। यहां पर चिकित्सक लोगों को इन दिनों विशेष एहतियात बरतने की सलाह दे रहे है। तापमान में भी ज्यादा ही गिरावट आने से पारा लुढक़ गया है। ठंडी हवाओं के चलते लोग परेशान है। बुजुर्ग और बच्चे शाम ढलते ही घरों में रजाई ओढक़र दुबके नजर आते है। ठंडी हवाएं होने से ठिठुरन बढ़ गई है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को हो रही है। दिन में भी वाहन लाइट जलाकर बहुत ही धीमी गति से चल रहे है। डाक्टर शशिकांत, मोहित जांगडा, पूर्व नगरपार्षद ओमप्रकाश सैनी, पवन वर्मा, डाक्टर शैलेश गर्ग, डाक्टर नरेश पाहूजा, कर्मपाल बोकन, प्रवीण राघव कालू, लोकेश गुर्जर बेरका, सोनू खटाना धुनेला, बाक्सर अशोक गुर्जर लाखुवास, ललित करहाना, बलबीर गब्दा, भारत भीमवाल, कमल गुप्ता, सैंकी सिंगला, हर्ष गुप्ता, बलजीत यादव, शिवांग गुप्ता, कृष्ण सैनी, साहिल झा का कहना है कि नववर्ष के पहले दिन तेज कोहरा छाने से ठंड ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में वाहनों की रफ्तार थम सी गई है। लाइटें जलाकर भी वाहन बहुत ही धीमी गति से चल पा रहे है। बर्फीली सर्दी से गलन महसूस हो रही है। कोहरे के साथ प्रदूषण भी बढ़ रहा है। कोहरे से दिन में भी अंधेरा सा छाया है। वही क्षेत्र में सुबह के वक्त बढ़ रहे कोहरे के कारण किसानों के चेहरे पर फिर चिंता की लकीरे नजर आती है। किसानों का कहना है कि अगर कोहरा इसी तरह बना रहा तो सरसो की फसल को नुकसान हो सकता है जबकि घना कोहरा गेहूं के लिए बहुत ही फायदेमंद है। बुजुर्ग किसानों का मानना है कि मौसम के मिजाज को देखकर ऐसा लग रहा है कि कोहरा कम होने की बजाय और बढ़ेगा। किसानों का कहना है कि उन पर दोहरी मार पड़ रही है। पहले तो सरकार ने रूलाया। बिजली, नहरी पानी और यूरिया की किल्लत झेलनी पड़ी और अब मौसम उन्हे रूला रहा है। ऐसे में इस साल यदि फसल खराब हुई या कम रही तो उन्हे घाटा उठाना पड़ सकता है। गांव सांप की नंगली के रहने वाले बलबीर सिंह रावत गब्दा, मुनीराम, जगमेन्द्र खटाना लोहटकी, कृष्ण खटाना दमदमा, गांव रायपुर में रहने वाले किसान विजय सिंह डागर, गांव घाटाअमीरपुर में रहने वाले जमीदार बेगराज गुर्जर, महेश घोडारोप, कामरेड प्रताप सिंह, राजेन्द्र यादव आदि का कहना है कि मेहनतकश वर्ग किसान सरकार से लेकर मौसम तक दोनों की मार झेलने को मजबूर है। किसानों का कहना है कि यहां पर यूरिया ना मिलने से अभी भी उन्हे दर-दर भटकना पड़ रहा है। फसलें खराब हो रही है। वही सरसो की फसल पर कोहरा कहर बनकर टूट रहा है क्योंकि कोहरे के कारण सरसो की फसल में चेपा लग जाता है, जो सरसो की फसल को खराब कर देता है।

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