IMF से 7 अरब डालर का कर्ज पाने के लिए पाकिस्‍तान मारेगा गरीबों के पेट पर लात!

Khoji NCR
2022-08-18 10:29:59

इस्‍लामाबाद । पाकिस्‍तान अपनी बदहाली से बचने के लिए कर्ज के बोझ तेले दबने को लाचार है। पाकिस्‍तान फिलहाल अपनी देनदारी और जरूरी खर्चों और विकास के नाम पर अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष से 7 अरब डा

र का कर्ज पाने का जुगाड़ बना रहा है। इसको लेकर एक अहम बैठक 29 अगस्‍त को होने वाली है। इससे पहले ही पाकिस्‍तान ने आईएमएफ को जो Letter of Intent दिया है उसमें कई बातों का जिक्र किया गया है। इस खत में जिन बातों का उल्‍लेख किया गया है कि उसका सीधा प्रभाव देश की गरीब जनता पर पड़ेगा। आने वाले समय में पाकिस्‍तान में महंगाई और बढ़ सकती है। इसकी वजह है कि सरकार पेट्रोल के दाम के अलावा कर का बोझ भी आम आदमी पर बढ़ा देगी। इतना ही नहीं गरीबों के लिए स्‍कीम को भी बंद कर दिया जाएगा। इसमें आईएमएफ की कई शर्तों को मानने के लिए हामी भरी गई है, जिसका आने वाले समय में सीधा बोझ वहां के आम आदमी पर पड़ेगा। इसके मुताबिक सरकार अगले वर्ष तक पेट्रोलियम डेवलेपमेंट लैवी की दर बढ़ाकर 50 रुपये प्रति लीटर कर देगी। फिलहाल ये 20 रुपये है। इसके अलावा 10 रुपये हाई स्‍पीड डीजल, कैरोसीन और लाइट डीजल आयल पर है। LoI में कहा गया है कि पाकिस्‍तान को अपने पास इतना फारन एक्‍सचेंज रिजर्व रखना जरूरी होगा जिससे वो करीब दो महीने तक चीजों को इंपोर्ट कर उसकी कीमत चुका सके। इसके अलावा इसमें उस शर्त पर भी हामी भरी गई है जिसमें कहा गया है कि इस रकम का इस्‍तेमाल वो एक्‍सचेंज रेट को सपोर्ट करने के लिए नहीं करेगा। इस पत्र के तहत सरकार पहले ही अगले माह से 10 रुपये पेट्रोल पर और 5 रुपये डीजल पर बढ़ाने का ऐलान कर चुकी है। आईएमएफ की शर्तों को मानने के लिए सरकार मौजूदा वित्‍तीय वर्ष में गरीब लोगों के लिए चलाए गए एहसास राशन रियात प्रोग्राम को भी समाप्‍त कर देगी। इस योजना के खत्‍म होने से देश की बड़ी आबादी का हिस्‍सा प्रभावित होगा। जून 2023 के बाद सरकार सस्‍ता ईंधन सस्‍ता डीजल कार्यक्रम को भी खत्‍म कर देगी। सरकार ने आईएमएफ से ये भी वादा किया है कि वो देश में मोनेटरी और फाइनेंशियल स्‍टेबिलिटी को बरकरार बनाए रखेगी। साथ ही पाकिस्‍तान सरकार ने ये भी वादा किया है कि वो देश में बढ़ती महंगाई को कम करेगी। विदेशी मुद्रा भंडार को एक तय सीमा तक बनाए रखने को भी सरकार ने हामी भरी है। आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक सरकार अपने खर्चों को कम करेगी और टैक्‍स के जरिए अगले दो माह में 150 रुपये एकत्रित करेगी।

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