हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवर्ण कुमार गर्ग ने पत्रकार वार्ता को किया संबोधित।

Khoji NCR
2022-08-10 10:28:14

खोजी/सुभाष कोहली कालका/पंचकूला। हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवर्ण कुमार गर्ग ने आईटी पार्क स्थित अपने कार्यालय पर पत्रकार वार्ता की। उन्होंने रक्षाबंधन पर्व की सभी प्रदेशवासियों क

शुभकामनाएं दी और गाय के गोबर से बनी हुई राखी भी प्रदर्शित की। इस अवसर पर गौ सेवा आयोग के सचिव चिरंतन कादियान भी उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि यह राखी अगर कलाई में बंधी हो तो रेडिएशन से शरीर पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव 99.99 प्रतिशत कम होगा। उन्होंने बताया कि यह राखी आईआईटी रूड़की से टैस्टिड है। उन्होंने आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हर घर तिरंगा अभियान को लेकर सभी प्रदेशवासियों से 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा लहराने की अपील की। उन्होंने बताया कि सरकार हर घर तिरंगा अभियान को लेकर छोटे-बड़े सम्मेलन और तिरंगा यात्राएं निकाल रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में गौ सेवा आयोग को एक नया जीवन दिया है। आज प्रदेश में 621 पंजीकृत गौशलाएं हैं, जिनमें लगभग लगभग 4.50 लाख गौवंश की देखरेख की जा रही है। लगभग 1 लाख गौवंश की निजी गौशालाओं में सेवा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसी अधिनियम के आधार पर राज्य स्तरीय व जिला स्तरीय ‘काओ टास्क फोर्स’ का गठन किया गया। हरियाणा गौ सेवा आयोग का उद्देश्य है कि एक भी गाय सड़क पर न घूमे, इसके लिए हरियाणा गौ सेवा आयोग दिन-रात मेहनत कर रहा है। उन्होंने हरियाणा प्रदेश के लोगों, गौभक्तों व टास्क फोर्स के कर्मचारियों व अधिकारियों से अपील की कि इस अभियान में बढ-चढ कर भाग लें ताकि कोई भी गौवंश सड़कों पर न रहे। इस अवसर पर उन्होंने गांय के गोबर से निर्मित पेंट और गमले को भी प्रदर्शित किया। उन्होंने कहा कि गोबर से बनाया गया पेंट पूरी तरह प्राकृतिक है और इसमें किसी भी प्रकार के कैमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है। उन्होंने गांय के गोबर से बनी फिनाइल का भी जिक्र किया जो 99 प्रतिशत बैक्टिरिया को खत्म कर देती है। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से आहवान किया कि रक्षाबंधन पर गउशालाओं में गोबर से बनी राखी का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि जिला के गांव बूंगा में एक नंदीशाला बनने जा रही है जिसके बनने से कोई भी नंदी सड़क पर नहीं रहेगी, उन सभी नंदियों को लाकर नंदीशाला में रखा जाएगा।

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