पटना, बिहार में बड़ा सियासी खेल हो रहा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के कभी भी टूटने व महागठबंधन (Mahagathbandhan) की नई सरकार बनने की चर्चा है। लेकिन सवाल यह है कि अगर ऐसा हुआ तो कौन बनेगा
गला मुख्यमंत्री? क्या राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अपने मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नाम से समझौता करने के लिए तैयार है? नीतीश कुमार (Nitish Kumar) महागठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री कैसे बनेंगे और इसके लिए पहल कौन करेगा? बताया जा रहा है कि तेजस्वी को लेकर राबड़ी देवी (Rabri Devi) किसी समझौते के मूड में नहीं हैं तो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के लिए राजी करना भी बड़ा मुद्दा है। आरजेडी में भी इसपर एक राय नहीं है। सीएम नीतीश लेकर आरजेडी में मतभेद सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार को महागठबंधन का मुख्यमंत्री बनाने को लेकर आरजेडी में एक राय नहीं है। हालांकि, इसके लिए पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को मनाने की कोशिश जारी है। ऐसा फार्मूला खोजा जा रहा है, जिसमें नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाकर तेजस्वी यादव को बड़ी जवाबदेही दी जाए। तेज प्रताप यादव को भी बड़ी भूमिका देने की संभावना तलाशी जा रही है। सूत्र बताते हैं कि इस मसले पर लालू परिवार व आरजेडी में अलग-अलग मत हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आरजेडी विधायकों पर पटना बुलाने को सरकार बनाने की संभावना से जोड़े जाने को मीडिया की कयासबाजी करार दिया है। उनके अनुसार आरजेडी विधायकों की बैठक अगले लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर बुलाई गई है। जगदानंद सिंह ने कहा है कि तेजस्वी यादव में बड़ी नेतृत्व क्षमता है। वे पहले भी कह चुके हैं कि अगर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाया जाए तो जेडीयू के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं। सूत्रों के अनुसार राबड़ी देवी भी अड़ गई हैं कि महागठबंधन की सरकार में तेजस्वी को ही मुख्यमंत्री बनाना पड़ेगा। लालू को मनाने की हो रही है कोशिश आरजेडी में तेजस्वी यादव की लगातार बड़े होते गए कद को देखते हुए पार्टी को नीतीश कुमार के नाम पर राजी करना मुश्किल कोशिश होगी। इसके लिए लालू प्रसाद यादव को राजी करने की पहल के लिए सोनिया गांधी को मनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वे यह पहल करना नहीं चाहतीं। सोनिया गांधी की बात लालू प्रसाद यादव नहीं टालेंगे, ऐसी उम्मीद है। सोनिया गांधी व नीतीश कुमार के भी रिश्ते ठीक हैं। सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से फोन पर बात भी की है। ऐसे में अगर एनडीए सरकार टूटती है तो महागठबंधन की नई सरकार के गठन की राह सोनिया गांधी ही आसान कर सकती हैं। सोनिया से सीएम नीतीश की हुई बात सूत्र बताते हैं कि इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बातचीत हुई है। दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसकी जानकारी नहीं मिली है। कांग्रेस के सचिव शकील अहमद सहित अन्य बड़े नेता भी ऐसी किसी जानकारी से इनकार करते हैं। माना जा रहा है कि उनकी बातचीत बिहार के राजनीतिक हालात पर हुई है। सोनिया गांधी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीब माना जाता है। वे लालू प्रसाद यादव के भी करीब हैं। ऐसे में महागठबंधन की सरकार बनाने में वे महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती हैं। सहमति का बड़ा बिंदु बीजेपी का विरोध महागठबंधन में नीतीश कुमार के नाम पर सहमति का एक बिंदु बीजेपी का विरोध है। नीतीश कुमार की राष्ट्रीय व धर्मनिरपेक्ष छवि को देखते हुए विपक्ष उनमें बीजेपी के खिलाफ मजबूत नेता खोज रहा है। कांग्रेस के सचिव शकील अहमद कहते हैं कि अगर नीतीश बीजेपी का साथ छोड़ें तो महागठबंधन की सरकार में भी मुख्यमंत्री रहें। देश की राजनीति के लिए वे जरूरी हैं। शकील अहमद ने कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियां एक साथ रहें तो बीजेपी को आसानी से हराया जा सकता है।
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