राज्य ब्यूरो, कोलकाता। करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती अनियमितताओं के घोटाले में गिरफ्तार बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी ने अपनी करीबी सहयोगी और अ
पराध में कथित साथी अर्पिता मुखर्जी के साथ घनिष्ठ संबंध से इनकार कर दिया है। ईडी के सूत्रों ने कहा कि वह गुरुवार शाम से कह रहे हैं कि उनका अर्पिता मुखर्जी से कोई संबंध नहीं है। ये बात उन्होंने तब कही जब केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ शुरू की। जब ईडी के दो अधिकारियों ने चटर्जी से पूछा कि क्या वह मुखर्जी को जानते हैं, तो पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने उन्हें कई बार दुर्गा पूजा समारोह में देखा है। उसके बाद चटर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि दुर्गा पूजा समारोह में मिलने के अलावा उनका उनसे कोई संबंध नहीं है। जब ईडी अधिकारियों ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें पता है कि मुखर्जी के आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है, तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि हां, उन्हें इसकी जानकारी है। हालांकि, उन्होंने इन पैसों से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया और कहा कि नकदी के स्रोत और स्वामित्व के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। चटर्जी के इस रुख से ईडी के अधिकारी काफी हैरान थे। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि पर्याप्त दस्तावेज और सबूत हैं जो दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध साबित करते हैं। इस संबंध में सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य अर्पिता मुखर्जी के नाम से 31 बीमा पालिसियां हैं और इन सभी पालिसियों में नामित व्यक्ति पार्थ चटर्जी हैं। फिर भी, वह उसके साथ घनिष्ठ संबंध से इनकार कर रहे हैं। दोनों को शुक्रवार दोपहर कोलकाता में पब्लिक मनी लान्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में पेश किया गया, ईडी अदालत को सूचित करेगी कि कैसे चटर्जी पूछताछ के हर चरण में सहयोग नहीं कर रहे हैं। बंगाल में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि इनकार करने से चटर्जी न तो अपनी और न ही अपने करीबी सहयोगी और न ही पार्टी में अपने उच्च पदों की रक्षा कर पाएंगे। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से परहेज किया है।
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