नई दिल्ली, केंद्र सरकार नई-नई योजनाओं के माध्यम से लोगों के जीवन में कई बदलाव लाने का सदैव प्रयास करती रहती है। 26 फरवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने
आयुषमान भारत मिशन को शुरू किया था, जिसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत कुल 1600 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। आयुषमान भारत मिशन हेल्थ के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के साथ-साथ लोगों के जीवन को बदल रहा है। कोरोना महामारी के दौरान डिजिटल हेल्थ के माध्यम से करोड़ों लोग घर बैठे अपने मोबाइल पर डॉक्टरों की सलाह ली। इस दौरान कोविन (CoWIN), आरोग्य सेतु(Arogya Setu ) और ई संजीवनी( e-Sanjeevani) ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने अपने एक ट्वीट में बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के माध्यम से लोगों के जीवन मे बदलाव आ रहा है। इस मिशन के माध्यम से देश की डिजिटल हेल्थ केयर को मजबूती मिल रही है। उन्होंने कहा कि देश में अब तक 23.08 करोड़ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) बनाए गए हैं। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के माध्यम से देश में स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल स्वास्थ्य सुविधाओं के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकास करने का लक्ष्य रखा गया है। पूरी दुनिया में अचानक आई कोरोना महामारी ने सभी देशों के हेल्थ सिस्टम को हिला कर रख दिया है। भारत में डिजिटल हेल्थकेयर के माध्यम से करोड़ो लोगों को फायदा हुआ है। कोविन(CoWIN), आरोग्य सेतु(Arogya Setu ) और ई संजीवनी( e-Sanjeevani) ने इस क्षेत्र में पिछले दिनों काफी बेहतर भूमिका निभाई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थकेयर अकाउंट (ABHA) के माध्यम से देश के नागरिक अपने सभी हेल्थ रिकॉर्ड को एक साथ ही लिंक कर सकते हैं। इस मिशन को सफल बनाने के लिए तकनीक का पूरा प्रयोग किया गया है, जिससे मरीज घर बैठे अपने फोन पर ही डॉक्टर से सभी प्रकार के जनकारी ले सकता है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) को देश के छह केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट प्रजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था। लद्दाख, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में इसने सफलता के कई झंडे गाड़े। इन सभी केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट प्रजेक्ट के दौरान लोगों की मदद के लिए 774 डिजिटल सैंडबॉक्स बनाए गए थे, जिसके माध्यम से लोगों को सहायता किया जा रहा है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 24 फरवरी 2022 तक कुल 17,33,69,087 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अकाउंट बनाए गए हैं, जबकि इसी दौरान लगभग 10 हजार पेशेवर डॉक्टर और 17,319 स्वास्थ्य सुविधाओं को रजिस्टर किया गया।
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