नई दिल्ली, से उबरने के बाद भी कई दिक्कतें लंबे समय तक लोगों को परेशान करती रहती हैं। कोविड महामारी (COVID-19) के संक्रमण से जूझने के बाद, उसके कुछ लक्षणों के साथ ही जीवन जीने की स्थिति को लांग कोविड य
ा पोस्ट-कोविड सिंड्रोम नाम दिया गया है। नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में लांग कोविड से जुड़े 62 लक्षणों की पहचान की गई है। इस अध्ययन में दीर्घकाल तक कोविड लक्षणों के विकसित होने के बढ़ते जोखिम से जुड़े कुछ कारकों का भी पता लगाया गया है। शोधकर्ताओं ने जनवरी 2020 से अप्रैल 2021 तक ब्रिटेन के साढ़े चार लाख से ज्यादा कोविड संक्रमित रोगियों की प्राथमिक देखभाल के रिकार्ड्स का विश्लेषण किया। अध्ययन में पाया गया कि जिन रोगियों में कोविड से संक्रमण का प्राथमिक देखभाल का रिकार्ड था, उनमें प्रारंभिक संक्रमण के 12 सप्ताह बाद 62 लक्षण सामने आए। इन लक्षणों में से महज 20 लक्षण ही लांग कोविड के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित सूची में शामिल हैं। शेष 42 लक्षणों को अल्पज्ञात माना जा रहा है। इस अध्ययन के अंतर्गत 19 लाख लोगों के संबंधित आंकड़ों का सापेक्ष आकलन किया गया। यह अध्ययन तो केवल ब्रिटेन का है, दुनियाभर में लांग कोविड से पीड़ित मरीजों की संख्या करोड़ों में है। ऐसे लोगों की बड़ी संख्या के मद्देनजर इसे स्वयं में एक ‘खामोश महामारी’ करार दिया जा रहा है। कोविड महामारी की शुरुआत में गंभीर मामलों से निपटने की प्राथमिकता में लांग कोविड की अनदेखी हुई थी। इसके होने की स्पष्ट वजह अभी तक नहीं पता चली है। अभी तक के अनुभव के आधार पर यह देखा गया है कि इसका दुष्प्रभाव शरीर के किसी भी अंग पर देखने को मिल सकता है। इससे यह प्रतीत होता है कि यह बहुतंत्रीय रोग या रोगों का समूह है। एक अनुमान के मुताबिक, लांग कोविड शरीर के इम्यून सिस्टम के अति सक्रिय होने की वजह से होता है। इससे न केवल इम्यून सिस्टम वायरस को मारता है, बल्कि अपने ही शरीर की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाने लगता है। इससे जुड़ी दूसरी आशंका यह है कि संक्रमण से उबरने के बाद भी वायरस के अवशेष (जैसे प्रोटीन अणु) शरीर में मौजूद हो सकते हैं। हालांकि, वायरस शरीर से लगभग खत्म हो जाता है। भले ही ये अवशेष कोशिकाओं को संक्रमित न करें, लेकिन हो सकता है कि वे शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाते हों। लांग कोविड का अभी कोई खास उपचार उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ खास आंकड़ों और अनुभवों के आधार पर यह अवश्य कहा जा रहा है कि संबंधित वैक्सीन ले रहे लोगों को कोरोना संक्रमित होने के बाद लांग कोविड होने की आशंका कम होती है। फिलहाल, देश और दुनिया में इसको लेकर बड़े पैमाने पर अध्ययन की जरूरत है, ताकि मल्टी-डिसिप्लिनरी पोस्ट कोविड क्लीनिक विकसित करके लांग कोविड से जूझ रहे करोड़ों लोगों की मदद की जा सके।
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