खाली पड़े वार्ड व दवाओं की किल्लत, बिना इलाज कराए वापस जाने को मजबूर हैं मरीज

Khoji NCR
2022-07-26 09:48:56

कोलंबो, श्रीलंका में सरकार बदलने के बाद भी अभी बदतर आर्थिक हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। यहां के अस्पतालों के वार्ड खाली पड़े हैं, दवाओं की किल्लत के बीच बिना इलाज कराए मरीज अपने घर लौटने को

मजबूर है। बता दें कि आर्थिक हालात सुधारने के लिए देश की सत्ता संभालने वाले नए राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने वित्त मंत्रालय अपने पास रखा है जबकि पूर्व वित्त मंत्री अली साबरी को विदेश मंत्री बनाया गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद की अपील पिछले दिनों श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार में आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए डालर खत्म होने के बाद सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद की अपील की। श्रीलंका में अमेरिका की राजदूत जूली चुंग ने राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से मुलाकात की और उसके बाद ट्वीट कर श्रीलंका के अधिकारियों से संयम बरतने का अनुरोध किया। साथ ही उन प्रदर्शनकारियों को चिकित्सा देने की अपील की जो कार्रवाई में घायल हुए हैं। 100 दिन तक ठप रहा सचिवालय का काम-काज श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच आक्रोशित प्रदर्शनकारियों की वजह से बाधित राष्ट्रपति सचिवालय में 100 दिन बाद इसी सोमवार से दोबारा कामकाज शुरू की गई। जुलाई की शुरुआत में आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने कई प्रमुख सरकारी कार्यालयों पर कब्जा कर लिया था, जिसने तत्कालीन राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश छोड़कर सिंगापुर भागने को मजबूर कर दिया था। गोटाबाया के खिलाफ सिंगापुर में आपराधिक शिकायत दर्ज दक्षिण अफ्र ीका के एक मानवाधिकार समूह ने सिंगापुर में एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। इसमें श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को लिट्टे के खिलाफ दशकों से चले आ रहे गृहयुद्ध में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार करने की मांग की गई है। विद्रोह के कारण गोटाबाया को छोड़ना पड़ा देश अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ सार्वजनिक विद्रोह का सामना करने के बाद गोटाबाया श्रीलंका छोड़कर भाग गए थे और वर्तमान में सिंगापुर में ही रह रहे हैं। 2005 से 2014 तक अपने बड़े भाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के कार्यकाल के दौरान गोटाबाया ने रक्षा सचिव के रूप में कार्य किया था।

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